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भारत का एक ऐसा गांव, जहां है शहर जैसी सारी सुविधाएं, देशभर से सीखने पहुंचते हैं लोग

Gujarat: पूर्व सरपंच ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘सरकारी योजनाओं को सही से अपनाया जाए तो गांवों की तस्वीर बदल सकती है. बस, इच्छा शक्ति होनी चाहिए.’

High-Tech Village of India: गुजरात के अहमदाबाद से लगभग 100 किमी दूर स्थित है एक आदर्श गांव, जिसका नाम हैं पुंसारी. आज से 15 साल पहले तक साबरकांठा जिले का यह गांव भी अन्य गांव की तरह ही साधारण ही था. यहां भी कई तरह की समस्याएं थी. मगर साल 2006 में जब हिमांशु पटेल , पुंसारी के सरपंच निर्वाचित हुए, तो इस गांव की किस्मत ही बदल गई. आंगनवाड़ी केंद्रों में उन्नत बुनियादी ढांचे, वातानुकूलित स्कूलें, बायोमेट्रिक मशीन, वाईफाई, कूड़े-मुक्त और साफ-सुथरी सड़कों के साथ, क्लोज-सर्किट कैमरे, बायोगैस प्लांट, पानी शुद्ध करने वाले प्लांट, इस गांव में वह सब कुछ है जिसकी वजह से यह कसी भी शहर में मिलने वाली सुविधाओं के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकता है.

योजनाओं का अमल

हिमांशु पटेल को गांव का सरपंच बनाया गया, तब तो जैसे उन्होंने इस गांव की पूरी तस्वीर ही बदल दी. दरअसल, चरनोई की भूमि बेचकर उन्हें जो पैसा मिला, उस पैसे से उन्होंने अपना विकास करने की बजाय गांव का विकास करने का प्रण लिया और आखिर मे आकर उन्होंने गांव को पूरी तहर बदल कर रख दिया. इसके साथ ही उन्होंने पुंसारी गांव को एक आदर्श गांव बना दिया. पूर्व सरपंच ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘सरकारी योजनाओं को सही से अपनाया जाए तो गांवों की तस्वीर बदल सकती है. बस, इच्छा शक्ति होनी चाहिए.’

चलती-फिरती लाइब्रेरी

गांव के जिन लोगों को पढ़ने का शौक है उनके लिए एक चलती-फिरती लाइब्रेरी बनाई गई. इसके लिए एक ऑटो का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें सैकड़ों किताबें होती हैं. यह ऑटो अलग-अलग जगहों पर निश्चित समय से पहुंच जाता है जिससे लोग दूर जाए बिना ही अपनी पसंद की किताबें पढ़ सकते हैं. गांव में पांच स्कूल हैं और सभी में एसी लगे हैं. लोगों का इलाज अच्छे से हो इसलिए एक अस्पताल भी गांव में खोला गया है.

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बजट का सही इस्तेमाल

लेकिन जो बात इसे और भी प्रशंसनीय बनाती है वो है कि हिमांशु ने केवल आठ वर्षों में 16 करोड़ रुपये के बजट के साथ यह सब करने में कामयाबी हासिल की. आज यह आदर्श गांव सतत ग्रामीण विकास का एक आदर्श उदाहरण है.

– भारत एक्सप्रेस

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