पीओके में प्रदर्शन करते मुस्लिम समुदाय के लोग. पाक सेना बरपा रही कहर.
Protest In PoK Against Pakistan: कभी भारत का ही हिस्सा रहा पाकिस्तान आज घोषित ‘इस्लामिक मुल्क’ के नाम पर आतंकवाद फैलाने और उसके पोषण के लिए कुख्यात हो चुका है. 70 के दशक में पाकिस्तानी हुक्मरानों और वहां की सेना ने पूर्वी बंगाल (अब बांग्लादेश) में आमजन पर जमकर जुल्म ढहाया था. लाखों महिलाओं का बलात्कार किया और हजारों बच्चों का भी कत्लेआम किया था. पाकिस्तानियों से उक्ताए बंगालियों ने अपनी आजादी की लड़ाई लड़ी और सफल हुए.
पूर्वी बंगाल की तरह PoK में भी दमनकारी नीति अपना रहा पाक
बांग्लादेश की तरह अब पाकिस्तानी सेना और पुलिस पीओके (जिस पर पाकिस्तान ने 1947-48 में कब्जा कर लिया था) में भी आमजन को प्रताड़ित कर रहे हैं. पीओके में आमजन भारी टैक्स, महंगाई और बिजली की कमी के खिलाफ सड़कों पर उतरे तो पाकिस्तान ने उन्हें दबाने की पुरजोर कोशिश शुरू कर दी. खबर है कि वहां पाकिस्तान रेंजर्स और स्थानीय पुलिस ने आंसू गैस, छर्रों और गोलियों से प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा. द डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, हमले में दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है.
सड़कों पर हो रहे प्रदर्शन, इससे बौखलाए हुक्मरान
अशांत क्षेत्रों से प्राप्त मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना और पुलिसकर्मी उन नागरिकों पर हमला कर रहे हैं जो पाकिस्तानी हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना और पुलिस की दमनकारी नीति के खिलाफ लोग सड़कों पर उतरने लगे हैं. इससे पाकिस्तानी हुक्मरान बौखला गए हैं.
आमजन पर बरसाई गईं आंसू गैस और गोलियां
कुछ पाकिस्तानी न्यूज चैनल की ओर से बताया गया कि मीरपुर की दड़ियाल तहसील में प्रदर्शनकारियों की शनिवार, 11 मई को शांतिपूर्ण मार्च निकालने की योजना थी. मार्च एक शांतिपूर्ण विरोध के रूप में चल रहा था, लेकिन जब पाक सैनिकों ने उन्हें वहां से हटने को आदेश दिया तो प्रदर्शनकारी नहीं हटे. पाकिस्तान रेंजर्स और स्थानीय पुलिस ने हवा में गोलीबारी और अन्य संभावित घातक तरीकों से लोगों को निशाना बनाया. कुछ वीडियो में पाकिस्तानी पुलिसकर्मी भीड़ पर भी एके-47 से फायरिंग करते दिख रहे हैं. इस घटना में कई छात्र जख्मी हो गए और महिलाएं अस्पताल में रोते हुए नजर आईं.
बच्चों को भी नहीं बख्श रहे मानवाधिकार के भक्षक
उर्दू के एक न्यूज पोर्टल ने बताया कि पीओके में विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए पाकिस्तान हिंसा का सहारा ले रहा है. बच्चों को भी निशाना बनाया जा रहा है. वहां ‘थोपे हुए’ प्रशासन ने अतिरिक्त बलों की तैनाती की है, जिसमें पाकिस्तान रेंजर्स और फ्रंटियर कोर के जवानों को शामिल किया गया है. हाल में ही वहां जम्मू कश्मीर ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी ने लॉन्ग मार्च का ऐलान किया था, जिसे रोकने के लिए 70 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया.
- भारत एक्सप्रेस
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