14 फरवरी 2024 को UAE की राजधानी अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन होगा.
BAPS Mandir in UAE: अरब देश संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की राजधानी अबू धाबी में हमारी अयोध्या नगरी के राम मंदिर जैसा भव्य देवालय बनकर तैयार हो गया है. इस मंदिर में 14 फरवरी को वसंत पंचमी के अवसर पर देव-प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे.
उद्घाटन समारोह से पहले इस मंदिर की अनेक तस्वीरें सामने आ चुकी हैं. यह अबू धाबी में बना पहला हिंदू मंदिर है, जिसका निर्माण अबू धाबी के कल्चरल डिस्ट्रिक्ट में 27 एकड़ क्षेत्र में किया गया है. इस मंदिर के निर्माण कार्य में 700 करोड़ रुपये से भी ज्यादा लागत आने का अनुमान है.
इस मंदिर का निर्माण बोचसनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) ने कराया है, इसलिए इस मंदिर को ‘BAPS Temple’ के रूप में जाना जाएगा.
स्वामी अक्षर वत्सल ने कहा, “यह मंदिर सभी मत-मजहब के लोगों में पूजनीय होगा. भारत, खाड़ी देशों, इंग्लैंड, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फ्रांस और अफ्रीका से भी भक्त यहां आ रहे हैं.”BAPS स्वामीनारायण मंदिर के संत ब्रह्मविहरिदास स्वामी ने कहा, “इस रेगिस्तानी धरा पर यह मंदिर प्राकृतिक प्रेम और प्राकृतिक मित्रता से अस्तित्व में आया है. एक सच्चाई और, जो मैं सभी भारतीयों को बताना चाहता हूं.. मेरे यहां रहने का मतलब है कि हमारे पूर्वजों ने ईमानदारी की इतनी बड़ी छाप छोड़ी है कि इस तरह की निशानियां यहां और बढ़ेंगी. यह विश्वास से परे प्यार है. मैं जिन लोगों और शासकों से मिला हूं, उनके पास भारत और इसकी संस्कृति के बारे में कहने के लिए बस अच्छी बातें ही हैं.”
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6 साल पहले रखी गई थी मंदिर की आधारशिला
इस मंदिर की आधारशिला 6 साल पहले रखी गई थी. मंदिर परिसर के आधे हिस्से में पार्किंग है, और यहां दर्शनार्थियों के लिए अन्य सुविधाएं भी हैं. मंदिर में लोहे या स्टील का इस्तेमाल नहीं किया गया है. इसके स्तंभ से लेकर तक छत तक नक्काशी की गई है.
वॉलंटियर योगेश ठक्कर ने बताया कि इस मंदिर के निर्माण के लिए 700 कंटेनरों में 20 ज्यादा टन से ज्यादा पत्थर, संगमरमर भारत से यूएई भेजा गया था.
यहां एक साथ 10 हजार लोग कर सकेंगे पूजा-पाठ
इस मंदिर में 10 हजार लोग आ सकते हैं. यहां कई पुजारी नियुक्त किए जाएंगे. इस मंदिर में सात देवी-देवता विराजेंगे, जिनमें श्री राम-सीता, भगवान शिव और पार्वती शामिल हैं. खास बात यह भी है कि इस मंदिर के दाईं ओर गंगा घाट तैयार किया गया है, जिसमें पूजा-अर्चना के लिए गंगा जल की व्यवस्था की जाएगी.
अरबी आर्किटेक्चर में चांद, मुस्लिमों में भी महत्व
इस मंदिर के मुख्य गुंबद में पृथ्वी, जल, अग्नि, आकाश और वायु के साथ अरबी आर्किटेक्चर में चंद्रमा को दर्शाया गया है, जिसका मुस्लिम समुदाय में भी बेहद महत्व है. एक संत ने बताया कि यह मंदिर सभी मत-मजहब के अनुयायियों का स्वागत करेगा. यह भारत और अरब की संस्कृति के मिलाप की मिसाल भी होगा.
1997 में देखा गया था ये मंदिर बनाने का सपना
BAPS स्वामीरायण संस्था के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रमुख ब्रह्मविहारी स्वामी ने बताया कि यह अरब देश में पहला विचार आधारित BAPS होगा. उन्होंने कहा कि 1997 में गुरु प्रमुख स्वामी महाराज जब यहां आए थे, तो उन्होंने एक सपना देखा था कि यहां हिंदू मंदिर बने. आज 27 साल बाद यह सपना साकार हो रहा है.
मंदिर के प्रांगण में वॉल ऑफ हार्मनी भी दिखेगी
इस मंदिर के प्रांगण में एक वॉल ऑफ हार्मनी का भी निर्माण किया गया है. इस मंदिर की दीवारों पर अरबी क्षेत्र, चीनी, एज्टेक और मेसोपोटामिया से 14 कहानियां होंगी, जो सभी संस्कृतियों में जुड़ाव दिखाती हैं. ब्रह्मविहारी स्वामी के मुताबिक, यह मंदिर UAE की सद्भाव और सह-अस्तित्व की नीति की मिसाल होगा.
देवी-देवताओं की ऐसी अनेक मूर्तियां उकेरी गईं
BAPS स्वामीरायण संस्था के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रमुख ब्रह्मविहारी स्वामी ने बताया कि इस मंदिर में देवी-देवताओं की अनेकों मूर्तियां उकेरी गई हैं. दीवारों पर सैकड़ों प्रतिमाएं रात के समय रोशनी से दमकेंगी तो दिल बाग-बाग हो जाएगा.
— भारत एक्सप्रेस