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RSS ने अपने 100वें वर्ष में प्रवेश किया, राष्ट्र सेवा में समर्पित संघ की अविरल यात्रा पर अनंत शुभकामनाएं: PM Modi

पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्र सेवा में समर्पित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने आज अपने 100वें वर्ष में प्रवेश किया है. मां भारती के लिए हमारा संकल्प और समर्पण देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करने के साथ ही ‘विकसित भारत’ को साकार करेगा.

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99 Years Of RSS: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने शनिवार को अपनी स्थापना के 99 वर्ष पूरे कर लिए और 100वें वर्ष में प्रवेश कर लिया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरएसएस को शुभकामनाएं दीं.

पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट में लिखा, “राष्ट्र सेवा में समर्पित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस आज अपने 100वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. अविरल यात्रा के इस ऐतिहासिक पड़ाव पर समस्त स्वयंसेवकों को मेरी हार्दिक बधाई और अनंत शुभकामनाएं.”

यह संकल्प हर पीढ़ी को प्रेरित करेगा: पीएम

उन्होंने आगे कहा, “मां भारती के लिए यह संकल्प और समर्पण देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करने के साथ ही ‘विकसित भारत’ को साकार करने में भी नई ऊर्जा भरने वाला है. आज विजयादशमी के शुभ अवसर पर सरसंघचालक मोहन भागवत का उद्बोधन जरूर सुनना चाहिए.”

इससे पहले पीएम मोदी ने देशवासियों को विजयादशमी की बधाई दी थी. उन्होंने कहा, “देशवासियों को विजयादशमी की असीम शुभकामनाएं. मां दुर्गा और प्रभु श्रीराम के आशीर्वाद से आप सभी को जीवन के हर क्षेत्र में विजय हासिल हो, यही कामना है.”

नागपुर में RSS का कार्यक्रम

दरअसल, शनिवार को नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा आयोजित विजयादशमी उत्सव में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शस्त्र पूजन के बाद कार्यक्रम को संबोधित किया.

मोहन भागवत ने कहा कि आज के दिन अपने कार्य के सौ वर्ष में संघ पदार्पण कर रहा है. ये विशेष इसलिए भी है क्योंकि महारानी दुर्गावती, महारानी होल्कर और महर्षि दयानंद का भी 200वां जन्म जयंती वर्ष चल रहा है. इनको याद करना इसलिए जरूरी है कि इन लोगों ने देश, समाज और संस्कृति के हित में काम किया है.

उन्होंने आगे कहा कि परिस्थितियां हमें चुनौतियां देती हैं, फिर चाहे वो दुनिया की हों या देश की. हमें भविष्य के लिए तैयार होना है, भविष्य इस तकनीक के कारण कई नई सुविधाएं लेकर आएगा, विज्ञान कई सुविधाएं लेकर भी आया है. इस सुखी मानव समाज में अपने स्वार्थ और अहंकार के कारण कैसे-कैसे संघर्ष चलते हैं. यह हम देखते रहते हैं.

— भारत एक्सप्रेस

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