गृह मंत्री अमित शाह (फोटो फाइल)
Bihar: बिहार में आज पूर्वी क्षेत्रीय परिषद (EJDC) की 26वीं बैठक हुई. यह बैठक गृहमंत्री अमित शाह के अध्यक्षता में हुई. बैठक के दौरान सीएम नीतीश कुमार और अमित शाह एक मंच पर दिखे. अगस्त 2022 में जेडीयू ने बीजेपी से अपना गठबंधन तोड़ लिया था. इसके बाद आज ऐसा पहली बार था जब अमित शाह और नीतीश कुमार आमने-सामने थे. हालांकि दोनों नेता मुलाकात के दौरान असहज दिखे. सीएम नीतीश ने उनका गुलदस्ता और शोल पहनाकर स्वागत किया. इसके बाद भी दोनों की नजरें झुकी ही हुई थीं.
बता दें कि पूर्वी क्षेत्रीय परिषद में बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड शामिल है. बैठक में सीएम नीतीश कुमार के साथ अन्य राज्यों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे. बैठक के दौरान सीएम नीतीश ने बिहार को विशेष राज्य के दर्जे का मुद्दा उठाया. उन्होंने बिहार के आरक्षण के दायरे बढ़ाने के बाद उसे नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की..
जातिगत पर सर्वे क्या बोले अमित शाह
वहीं बैठक के बाद अमित शाह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से जातिगत सर्वे पर बात करते हुए कहा कि इसका निर्णय तभी किया गया जब भाजपा बिहार सरकार में हिस्सेदार थी. सर्वे होने के बाद जो रिपोर्ट आई और जो कानून आया है उसका भी भाजपा ने समर्थन किया है. लेकिन सर्वे में कुछ सवाल उठे हैं, मुख्यत: मुसलमानों और जाति विशेष को ज्यादा तवज्जो देकर छोटी और पिछड़ी जाति के साथ अन्याय का सवाल बार-बार उठ रहा है. मेरा आग्रह है कि सारे सवालों का तुरंत समाधान करना चाहिए.
#WATCH बिहार: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “…जातिगत सर्वे का निर्णय तभी किया गया जब भाजपा बिहार सरकार में हिस्सेदार थी… सर्वे होने के बाद जो रिपोर्ट आई और जो कानून आया है उसका भी भाजपा ने समर्थन किया है। लेकिन सर्वे में कुछ सवाल उठे हैं, मुख्यत: मुसलमानों और जाति… pic.twitter.com/ynpDJYZEEH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 10, 2023
पूरा ‘INDI’ गठबंधन इस भ्रष्टाचार पर चुप है
इसके बाद जब उनसे कांग्रेस सांसद धीरज साहू के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि- मुझे बड़ा आश्चर्य है, आजादी के बाद किसी सांसद के घर से इतनी बड़ी मात्रा में नकदी नहीं बरामद हुई है. करोड़ों रुपये की वसूली हुई है लेकिन पूरा ‘INDI’ गठबंधन इस भ्रष्टाचार पर चुप है. कांग्रेस का मौन तो समझ में आता है क्योंकि उनकी फितरत ही भ्रष्टाचार की है लेकिन TMC, JDU, RJD, DMK और सपा भी चुप बैठी है. अब मुझे समझ में आया कि PM मोदी के खिलाफ अभियान क्यों चलाया गया कि एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि उनके मन में डर था कि उनके भ्रष्टाचार के सारे राज खुल जाएंगे.