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Congress Funding: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के चलते कांग्रेस ने क्राउड फंडिंग के लिए ‘डोनेट फॉर देश’ कैंपन की शुरुआत की है. पार्टी ने इसकी घोषणा अपने 138वें स्थापना दिवस के मौके पर की थी. वहीं पार्टी के नेताओं का कहना है कि कांग्रेस ने इसकी शुरुआत आर्थिक मजबूती के लिए की है. हालांकि क्राउड फंडिंग को लेकर अलग-अलग तरह के सवाल उठ रहे हैं. इसको लेकर यह भी सवाल बार-बार किया जा रहा कि क्या सच में कांग्रेस के पास इतने कम बचे हैं जिससे उसे चुनाव लड़ने में दिक्कत आ रही है.
कांग्रेस की क्राउड फंडिंग वाले कैंपन की शुरुआत क्यों की है. इसको समझने के लिए हम आपको पिछले कुछ सालों में कांग्रेस की पॉलिटिकल फंडिंग के बारे में बताने जा रहे हैं.
आंकड़ों के मुताबिक घटी कांग्रेस की कमाई
राजनीतिक दलों की फंडिंग पर नजर रखने वाले एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2014 से कांग्रेस कमाई 2022 तक घटकर मात्र 541 करोड़ रुपये रह गई है. वहीं आंकड़ों के मुताबिक, बीजेपी की कमाई बढ़ी है और कांग्रेस की कमाई में 29 फीसदी तक की कमी आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी के पास 2014 से 2015 तक पॉलिटिकल फंडिंग के रूप में कुल 765 करोड़ रुपये मिले थे. लेकिन साल 2017 से 2018 में कांग्रेस को सिर्फ 199 करोड़ रुपये की फंडिग हुई. इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी को 998 करोड़ रुपये की फंडिंग हुई, लेकिन अगले साल इसमें फिर से कमी आ गई. साल 2021 से 2022 को पॉलिटिकल फंडिंग को जरिए मात्र 541 करोड़ रुपये कमाई हुई.
कांग्रेस से काफी आगे बीजेपी
अगर कांग्रेस का मुकाबला बीजेपी से किया जाए तो बीजेपी कांग्रेस से काफी आगे है. साल 2021 से 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी के पास कुल 6 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति बैठती है. वहीं अगर कांग्रेस की बात की जाए तो कांग्रेस के पास महज 805 करोड़ रुपये की संपत्ति है.
– भारत एक्सप्रेस
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