IGI एयरपोर्ट पुलिस ने इमीग्रेशन रैकेट चलाने वालों को पकड़ा
IGI Airport: एक हाई-प्रोफाइल एजेंट की गिरफ्तारी के साथ, आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने एक इमीग्रेशन रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में एक एफआईआर (537/2023 Date 03.09.2023) दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद पुलिस टीम ने एजेंट की गिरफ्तारी के साथ इस केस को सफलतापूर्वक सुलझा लिया है. इमीग्रेशन धोखाधड़ी में शामिल एजेंटों के खिलाफ अपने अभियान को जारी रखते हुए आईजीआई हवाई अड्डे की टीम पिछले महीने 08 अलग-अलग मामलों में 10 और एजेंटों को गिरफ्तार कर चुकी है.
आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि दीपक वर्मा नामक एक भारतीय नागरिक को लंदन से दिल्ली एयरपोर्ट डिपोर्ट किया गया था. उसे इमीग्रेशन क्लियरेंस के लिए संबंधित विभाग को सौंप दिया गया था.
पंजाब के रहने वाले शख्स ने लिए थे 17 लाख रुपये
इस दौरान जो जानकारी सामने आई वो हैरान करने वाली थी. उसका अंतिम गंतव्य न UCF में पाया गया और न ही पासपोर्ट की जानकारी मिल पाई, ये बात की तरफ इशारा करता था कि पैसेंजर ने किसी और के पासपोर्ट पर यात्रा की. इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी गई थी. पूछताछ के दौरान आरोपी दीपक वर्मा ने इस बात का खुलासा किया कि यात्रा का इंतजाम एजेंट बरिंदर सिंह ने किया था. पंजाब के रहने वाले इस शख्स ने उससे 17 लाख रुपए भी लिए थे. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने उसे ग्रेटर कैलाश से गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान उसने बताया कि 2021 में वह दीपक के संपर्क में आया था और उसे यूके जाने का लालच देकर 17 लाख रुपए लिए थे.
28 मई को दर्ज एफआईआर के मामले में नौ श्रीलंकाई नागरिकों और दो एजेंटों को गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें ट्रायल कोर्ट द्वारा दोषी ठहराया गया था. इसके अलावा, आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस थाने में दर्ज 103 मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद कोर्ट द्वारा दोषी करार दिया गया.