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चंद्रमा की कक्षा में एंट्री के बाद ISRO को मिला चंद्रयान-3 का पहला मैसेज, जानें क्या मिला संदेश ?

Chandrayan 3 first message: चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने के बाद चंद्रयान-3 को चरणबद्ध तरीके से चंद्रमा के पास ले जाया जाएगा. मिशन चंद्रयान-3 को अभी चंद्रमा के चार और ऑबिटों को पार करना है.

ISRO

चंद्रयान-3 से आया पहला मैसेज (फोटो isro ट्विटर)

Chandrayaan 3: चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में स्थापित होने के बाद अंतरिक्ष में भारत धमक बढ़ गयी है. अब चंद्रमा की ऑर्बिट से बड़ी खबर सामने आयी है. चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करते ही चंद्रयान 3 का पहला मैसेज इसरो (ISRO) मिल गया है.  मैसेज में है कि “MOX, ISTRAC, मैं चंद्रयान-3 हूं. मुझे चंद्रमा की ग्रैविटी महसूस हो रही है.” इस मैसेज के बाद मिशन चंद्रयान 3 सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है. बता दें कि बीते दिन शनिवार को चंद्रयान 3 ने सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर लिया था. यहां तक पहुंचने के लिए इस मिशन में अभी तक 22 दिन का समय लगा है.

मिशन चंद्रयान 3 ने अभी तक 3 लाख 84 हजार 400 किलोमीटर की दूरी तय कर ली है. शनिवार को चंद्रयान 3 ने धरती की ग्रैविटी से बाहर निकलकर चांद की ऑर्बिट में एंट्री कर ली है. इसरो के वैज्ञानिकों ने बताया है कि इस प्रोसेस को अंजाम देने में कुल आधे घंटे का समय लगा और चंद्रयान को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा दिया गया.

अब आगे मिशन का क्या होगा काम ?

चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने के बाद चंद्रयान-3 को चरणबद्ध तरीके से चंद्रमा के पास ले जाया जाएगा. मिशन चंद्रयान-3 को अभी चंद्रमा के चार और ऑबिटों को पार करना है. ऐसा करने में उसे अभी 17 दिन और लग जाएंगे. इसके बाद वह चंद्रमा के पास जा पहुंचेगा. ISRO के मुताबिक, चंद्रयान 3 की सॉफ्ट लैडिंग का लक्ष्य 23 अगस्त तक रखा गया है. अगर सब सही चलता रहा तो तय समय पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई जा सकेगी.

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चांद की सतह पर भूकंप चलेगा पता

इसरो को भरोसा है​ कि इस बार उसके लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर जरूर उतरेंगे और 14 दिन तक वहां प्रयोग करेंगे. प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स का अध्ययन करेगा. इस मिशन के जरिए ये पता किया जाएगा कि चांद की सतह पर भूकंप कैसे आते हैं. साथ ही चांद की मिट्टी का भी अध्ययन किया जाएगा.

– भारत एक्सप्रेस

 

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