विदेश मंत्री एस जयशंकर 1 मई से 6 मई तक दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया के दौरे पर गए. 1 से 3 मई तक वे केपटाउन में थे जहां उन्होंने 1 और 2 मई को ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की. ब्रिक्स बैठक में विदेश मंत्री ने वैश्विक और क्षेत्रीय विकास, वैश्विक आर्थिक सुधार, ब्रिक्स सहित बहुपक्षीय संस्थानों के कामकाज पर भारत की स्थिति को सामने रखा. यह बैठक एक जून को संपन्न हुई.
जयशंकर ने दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्री से भी मुलाकात की
दक्षिण अफ्रीका के समकक्ष नालेदी पंडोर और अन्य देशों के विदेश मंत्रियों से भी मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति से मुलाकात की. जयशंकर ने वहां भारतीय समुदाय को भी संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने उन्हें दक्षिण अफ्रीका के साथ 30 साल के राजनयिक संबंध, 15 साल की ब्रिक्स यात्रा और पिछले नौ साल में भारत सरकार की उपलब्धियों के बारे में भी बताया.
विदेश मंत्री ने पहली बार नामीबिया का दौरा किया
जयशंकर 4 से 6 मई तक नामीबिया के दौरे पर गए. यह किसी भारतीय विदेश मंत्री की नामीबिया की पहली यात्रा थी. नामीबिया पहुंचने पर, जयशंकर ने राष्ट्रपति हेज गिंगोज से मुलाकात की और नामीबिया के उप प्रधान मंत्री, जो कि विदेश मंत्री, नेटुम्बो नंदी-नदितवाह भी हैं, के साथ संयुक्त आयोग की बैठक के उद्घाटन में शामिल हुए.
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नामीबिया में रह रहे भारतीय समुदाय से भी मुलाकात की
वहां भारतीय हीरा कारोबारी समुदाय के साथ बैठक में भी शामिल हुए. उन्होंने विंडहोक में सूचना प्रौद्योगिकी में भारत-नामीबिया उत्कृष्टता केंद्र का भी उद्घाटन किया. इस दौरान डीपीएम व उच्च शिक्षा मंत्री इता कांजी-मुरांगी भी मौजूद रहे.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दोनों देशों की यात्रा के बारे में बात करते हुए इस यात्रा से दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया के बीच उच्च स्तरीय बातचीत का अवसर प्रदान किया, जो दोनों देशों के साथ भारत के संबंधों को और मजबूत करेगा. इससे भारत के दोनों देशों के साथ संबंध मजबूत होंगे. इससे दोनों देशों के साथ भारत के संबंध पहले से और मजबूत होंगे.