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ये हैं ‘मशरूम मैन’ शशि भूषण – कभी करते थे 1200 रुपये की नौकरी, आज 6 करोड़ टर्नओवर; 150 कामगारों के मुखिया

कोरोना काल में शशि भूषण ने कुछ अलग करने की सोच के साथ गांव में ही अपना फार्म हाउस खोला था. काम धंधे के सिलसिले में बिहार से बाहर जाकर उन्‍होंने दिल्ली और हरियाणा में मशरूम के बारे में काफी कुछ सुन रखा था. अपनी मेहनत और लगन से तकदीर पलटी.

mushroom man of Muzaffarpur bihar a success story of Shashi Bhushan Tiwari

शशि भूषण तिवारी 'मशरूम मैन' के नाम से जाने जाते हैं

Bihar: कुछ करने का जज्बा हो तो कामयाबी को कोई रोक नहीं सकता है. बिहार में मुजफ्फरपुर ज़िले के शशिभूषण तिवारी ने 1200 महीने की नौकरी से अपने करियर की शुरूआत की लेकिन आज उनका सालाना टर्नओवर छह करोड़ रूपये तक पहुंच गया है और करीब 150 लोग उनके यहां काम करते हैं.

शशि भूषण तिवारी ‘मशरूम मैन’ के नाम से जाने जाते हैं. इस सफलता को पाने के लिए शशि भूषण तिवारी ने दिन-रात मेहनत की है. अपने संघर्ष की कहानी सुनाते हुए शशि भूषण तिवारी कई बार भावुक हो जाते हैं. हालांकि, उनकी आंखों में इस बात की चमक होती है कि आज वह अपने संघर्ष को सफल कर चुके हैं. जो उन्होंने 24 साल पहले सपना देखा था उस सपने को साकार कर चुके हैं.

1996 में शशि भूषण तिवारी की शादी हो चुकी थी और वो दिल्ली में छोटी सी नौकरी कर गुजर बसर कर रहे थे. ऐसे संघर्ष के समय उनकी पत्नी ने बहुत साथ दिया.

कुछ अलग करने के इरादे से लौटे थे गांव

कोरोना काल में शशि भूषण ने कुछ अलग करने के इरादे से अपने गांव का रूख किया. दिल्ली और हरियाणा में काम के दौरान उन्होंने मशरूम के बारे में काफी कुछ सुन रखा था. इसलिए उन्होंने मशरूम का कारोबार शुरू किया. शुरू में आसपास के लोगों ने बहुत ताना मारा. कोई कहता था कि यह कुकरमुत्ता है तो, कोई कहता था यह गोबर का छाता है. इससे शशि भूषण को ठेस जरूर पहुंची लेकिन उन्ंहोंने लोगों की बातों पर ध्यान ना देकर अपने काम पर फोकस किया.

Shashi Bhushan Tiwari Muzaffarpur

6 कमरे से शुरू किया अपना फार्म हाउस

शशि भूषण ने 6 कमरे से अपना फार्म हाउस शुरू किया. धीरे-धीरे बढ़कर आज 20 कमरे का फार्म हाउस है. पहले बहुत सारी चुनौतियां थी. कभी ट्रांसपोर्टेशन की दिक्कत थी तो, कभी हड़ताल हो जाता तो इससे मुश्किल होती थी. मशरूम के विशेषज्ञों की सलाह पर उन्होंने प्रोसेसिंग यूनिट लगाया.

अब हर रोज 2200 किलो मशरूम मिल रहा

आज शशि भूषण के यहां प्रतिदिन 2200 किलो तक मशरूम का उत्पादन हो जाता है. महीने की बिक्री 60 लाख रूपये तक हो जाती है. दिल्ली में काम करने के दौरान जो उन्होंने ट्रेनिंग ली उसका आज की कामयाबी के पीछे बड़ा योगदान है.

शशि भूषण तिवारी की बेटी आज के दिन डॉक्टर है और बेटा उनके काम को आगे बढ़ाने में सहायता देता है. उनसे प्रेरणा लेकर देश के कई इलाकों के किसान ट्रेनिंग लेने आते हैं.

– आशुतोष कुमार, भारत एक्‍सप्रेस

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