नवाब मलिक (फोटो फाइल)
Nawab Malik: महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार में पूर्व मंत्री और NCP नेता नवाब मलिक को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट से उनको 2 महीनों के लिए अंतरिम जमानत दी गई है. हालांकि उनको यह राहत उनके स्वास्थय के इलाज के आधार पर दी गई है. बता दें कि एनसीपी नेता नवाब मलिक को पिछले साल मानहानि के केस में जेल में बंद हैं. वह आज 17 महीने के बाद जेल से रिहा हुए हैं. फरवरी 2023 में उन्हें जेल भेजा गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, जांच एजेंसी ED के तरफ से वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी नवाब मलिक को जमानत देने का विरोध नहीं किया. उन्होंने कहा कि अगर इलाज के लिए बेल दी जा रही है तो हमें कोई दिक्कत नहीं है. कोर्ट 2 महीने के लिए जमानत दे सकती है.
जमानत देने पर दोनों ही पक्ष राजी
सुप्रीम कोर्ट में एनसीपी नेता की तरफ से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि, “उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है. ऐसे में मुझे समझ नहीं आता कि मलिक को अंदर रखने की जरुरत क्यों है? सिब्बल ने आगे कहा कि मलिक का पिछले 16 महीने से किडनी से जुड़ी गंभीर समस्याओं के अलावा और भी बिमारियों से पीड़ित हैं और उनको इलाज की जरुरत है. वहीं ईडी ने भी उनकी इस जमानत का कोई विरोध नहीं किया. जज अनिरुद्ध बोस और जज बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि मलिक किडनी की बीमारी और अन्य बीमारियों के कारण अस्पताल में हैं, इसलिए उन्हें चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दी जाती है. हम मामले में सख्ती से चिकित्सा आधार पर मलिक को जमानत देने का आदेश पारित कर रहे हैं.’’
क्यों किया गया था गिरफ्तार ?
ईडी ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से कथित तौर पर संबद्ध मामले में नवाब मलिक को फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया था. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता मलिक न्यायिक हिरासत में हैं और वर्तमान में मुंबई के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. मलिक ने उच्च न्यायालय से राहत की मांग करते हुए दावा किया था कि वह कई अन्य गंभीर बीमारियों के अलावा किडनी के गंभीर रोग से भी पीड़ित है. उन्होंने चिकित्सा आधार पर जमानत की भी मांग की थी. मलिक के खिलाफ ईडी का मामला राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) द्वारा दाऊद इब्राहिम के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है.
– भारत एक्सप्रेस
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