बालासोर ट्रेन हादसे की फाइल फोटो
Odisha Train Accident: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार को कहा कि उसे बालासोर ट्रेन दुर्घटना के संबंध में दर्ज एफआईआर (FIR) की एक कॉपी मिली है, जिसमें 275 लोग मारे गए थे. इस एफआईआर से रेलवे कर्मचारियों के संलिप्तता का पता नहीं चलता, यह तो जांच से ही पता चलेगा. कटक के ओपीएस SDPRO रंजीत नायक की लिखित शिकायत पर ये एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें कहा गया है कि 2 जून को शाम 6:55 बजे ट्रेन संख्या-12841 हावड़ा-चैनल कोरोमंडल एक्सप्रेस और ट्रेन संख्या-12864 यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के बीच टक्कर के कारण दोनों ट्रेनों के डिब्बे पलट गए, जिससे सैकड़ों यात्रियों की मौत हो गई.
प्राथमिकी में कहा गया है, मृतकों के शवों को डीएचएच बालासोर, डीएचएच भद्रक, सीएचसी सोरो और अन्य अस्पतालों के शवगृह में भिजवा दिये गए हैं, बचाव कार्य अभी भी जारी है. आईपीसी की धारा 337, 338, 304ए और 34 और रेलवे अधिनियम की धारा 153, 154 और 175 के तहत एक FIR दर्ज की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे कर्मचारियों का दोष अभी निर्धारित नहीं किया गया है और यह जांच के दौरान स्थापित किया जाएगा. सीबीआई ने कहा कि उसने रेल मंत्रालय के अनुरोध पर और ओडिशा सरकार की सहमति से मामला दर्ज किया है.
GRPS में पहले दर्ज जांच अपने हाथ में ली
सीबीआई ने कहा, यह घटना 2 जून, 2023 को कोरोमंडल एक्सप्रेस, यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस और बालोरोर के बहनागा बाजार में एक मालगाड़ी के बीच हुई ट्रेन दुर्घटना से संबंधित है. सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने बालासोर जीआरपीएस में पहले से दर्ज जांच को अपने हाथ में ले लिया है. सीबीआई की एक टीम पहले से ही बालासोर में मौजूद है. रविवार को रेलवे बोर्ड ने बालासोर ट्रेन हादसे की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा था कि परिस्थितियों, स्थिति और प्रशासन से मिली जानकारी को देखते हुए रेलवे बोर्ड सीबीआई जांच की सिफारिश कर रहा है.