Bharat Express

Olympics Games: भारत करेगा 2036 के ओलंपिक गेम्स की मेजबानी? जानें खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने क्या दिया जवाब, कैसी होंगी हमारे यहां तैयारी

Anurag Thakur PM Modi on Olympics: ओलंपिक गेम्स का आयोजन अब तक भारत में नहीं हुआ है. मौजूदा सरकार इसके लिए प्रयास कर रही है. पीएम मोदी के अब खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी इस पर बात की.

Anurag Thakur PM Modi

केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर (इनसेट में पीएम मोदी)

Olympics Games In India: दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत अगले दशक में ‘खेलों का महाकुंभ’ माने जाने वाले ओलंपिक गेम्स की मेजबानी कर सकता है. केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने इन खेलों के आयोजन के सवाल पर मीडियाकर्मियों को जवाब दिया. अनुराग ठाकुर बोले कि हमारे पास 2036 ओलंपिक की मेजबानी प्राप्त करने के लिए सभी आवश्यकताएं हैं.

खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा— “मुझे यकीन है कि हम प्रत्येक खेल में अधिक प्रतिभाओं के लिए सही माहौल बनाने के लिए काम करेंगे.” उन्होंने चेन्नई में शुक्रवार, 22 दिसंबर को कहा, “खेल हमें विभाजित नहीं करता, हमें जोड़ता है. हमारा देश विविधताओं से भरपूर है और देश की ताकत विविधता में एकता है. हमें खेलों पर और ध्यान लगाने की जरूरत है.”

“भारत मेजबानी के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगा”: PM मोदी

केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 2036 के ओलंपिक की मेजबानी पर बात कर चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार, 14 अक्टूबर को घोषणा की कि भारत 2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए “कोई कसर नहीं छोड़ेगा”. उन्होंने इसे 140 करोड़ भारतीयों का सपना बताया.

PM Modi In Kashi

141वें अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति सत्र में यह बोले थे पीएम

प्रधानमंत्री मोदी मुंबई में 141वें अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) सत्र में बोल रहे थे, जहां खेलों के भविष्य के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाते हैं. हालाँकि, उन्होंने किसी मेजबान शहर का नाम नहीं बताया- लेकिन अटकलें लगाई जाने लगीं कि इसके लिए गुजरात में अहमदाबाद शहर को ओलंपिक के आयोजन के लिए चुना जा सकता है.

2029 में युवा ओलंपिक की मेजबानी भी करना चाहता है देश

प्रधानमंत्री मोदी ने ये भी कहा था कि देश 2029 में युवा ओलंपिक की मेजबानी भी करना चाहता है. उन्होंने कहा, ”खेल सिर्फ पदक जीतने के लिए नहीं बल्कि दिल जीतने का माध्यम है. खेल सबका है, सबका है. यह न केवल चैंपियन तैयार करता है बल्कि शांति, प्रगति और कल्याण को भी बढ़ावा देता है. इसलिए, खेल दुनिया को एकजुट करने का एक और माध्यम है.”

— भारत एक्सप्रेस

Also Read