Bharat Express

World Cup 2023 से पहले मोहम्मद शमी को कोर्ट से मिली बड़ी राहत, जानें पूरा मामला

Mohammed Shami Gets Bail: 19 सितंबर को मोहम्मद शमी अपने भाई और वकील के साथ कोर्ट में पेश हुए थ. इस मामले में उनको अब बड़ी राहत मिल गई है. वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज और विश्व कप खेल सकते हैं.

Shami

मोहम्मद शमी (फोटो सोशल मीडिया)

Mohammed Shami Case: वर्ल्ड कप 2023 और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज से पहले तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी (Mohammed Shami ) को बड़ी राहत मिली है. घरेलू हिंसा के मामले में कोलकाता की एक निचली अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है. शमी के साथ ही उनके बड़े भाई को जमानत मिल गई. एशिया कप खेलने के बाद वह दोनों सीधे अपने वकील के साथ कोलकाता पहुंचे थे. यहां उन्होंने कोर्ट जमानत याचिका दाखिल की और कोर्ट ने उसे मंजूर कर लिया. शमी अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज का हिस्सा हो सकते हैं. बता दें कि मोहम्मद शमी पर उनकी पूर्व पत्नी हसीन जहां द्वारा घरेलू हिंसा के मामले में उन्हें  कोलकाता के अलीपुर कोर्ट में पेश होना पड़ा था.

मंगलवार 19 सितंबर को मोहम्मद शमी अपने भाई और वकील के साथ कोर्ट में पेश हुए थे. इस मामले में उनको अब बड़ी राहत मिल गई है. वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज और विश्व कप खेल सकते हैं.

प्लेइंग 11 का होंगे हिस्सा

वर्ल्ड कप से पहले भारत और ऑस्ट्रलिया के बीच वनडे सीरीज 22 सितंबर से शुरू होने जा रही है. हालांकि विश्व कप और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में मोहम्मद शमी को शामिल किया था, लेकिन उससे शमी को कोर्ट जाना था इसलिए उनके टीम में शामिल होने पर संशय था. वहीं अब जमानत मिलने के बाद शमी प्लेइंग 11 का हिस्सा बनने के लिए तैयार होंगे.

यह भी पढ़ें-  Asian Games 2023 में भारत की हार से शुरुआत, चीन ने पुरुष भारतीय फुटबॉल टीम को 5-1 से दी करारी शिकस्त

क्या है पूरा मामला ?

8 मार्च 2018 को हसीन जहां ने शमी और उनके भाई के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद पुलिस ने शमी और उसके भाई से पूछताछ की थी और गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था. इसके बाद कोलकाता की एक निचली अदालत ने गिरफ्तारी के वारंट पर रोक लगा दी थी. इसके बाद पूर्व पत्नी ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए हाइकोर्ट का रूख किया, लेकिन वहां भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा गया. फिर यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और यहां भी उच्चतम न्यायालय ने मामला निचली अदालत में भेज दिया गया और सभी पक्षों को सुनने के बाद अंतिम निर्णय पर आने का निर्देश दिया.

– भारत एक्सप्रेस

Also Read