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Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले से एक ओर जहां देश के व्यापारी जगत को काफ़ी राहत मिली है. वहीं दूसरी ओर इस क़ानून की धाराओं का भी स्पष्टीकरण हुआ है.

अरुण गोयल की नियुक्ति की फाइल मांगने पर सरकार का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय को ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है.

जस्टिस रस्तोगी ने पूछा कि क्या आप हमें बता सकते हैं कि सरकार ने इस नियुक्ति के लिए जल्दबाजी क्यों की?

सिराथू के रहने वाले दिलीप पटेल की शिकायत पर निर्वाचन आयोग ने संज्ञान लिया था. सपा विधायक पल्लवी पटेल पर आपराधिक मुकदमे की जानकारी छिपाने का आरोप लगा है.

उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की कार हमला हो गया था. इस हमले में ओवैसी की जान बाल-बाल बची थी. बता दें कि उन पर गोली चलाने वाले आरोपियों की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. ओवैसी पर गोली चलाने वाले आरोपियों को जमानत देने के इलाहाबाद …

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा करने का फैसला सुना दिया है. जिसमें नलिनी श्रीहर समेत सभी 6 दोषियों को रिहा करने के आदेश दे दिया हैं. सुप्रीम कोर्ट का कहना कि राज्यपाल ने कदम नहीं उठाया तो हम उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि दोषी पेरारीवलन की रिहाई का …

दस फीसदी EWS आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर लग गई है  संविधान पीठ ने 3: 2 के बहुमत से संवैधानिक और वैध करार दिया है. जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने बहुमत का फैसला दिया और 2019 का संविधान में 103 वां संशोधन संवैधानिक और वैध करार दिया …

समाजवादी पार्टी के जाने माने नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला को सुप्रीम कोर्ट से झटका मिला है. 2019 में उच्च न्यायालय ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में अब्दुल्ला के विधायक के तौर पर चुनाव को रद्द करने के आदेश दिया था. जिसे शीर्ष न्यायालय ने बरकरार रखा है. बता दें कि …

गुजरात के मोरबी में केवल तारों से बने  लगभग 150 साल पुराने ब्रिज के ढहने से  मोरबी पुल हादसे का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने याचिका तुरंत स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई आगामी 14 नवंबर को तय की है. वहीं, …

नई दिल्ली– सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के हक में एक बड़ा फैसला लिया है. गर्भपात के मामले में विवाहित और अविवाहित का भेद खत्म करते हुए. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि अविवाहित महिलाएं भी आपसी सहमति से 20-24 सप्ताह की अवधि में गर्भपात कराने की हकदार हैं. अदालत ने इस बात पर जोर …