सांकेतिक तस्वीर
निजी क्षेत्र में काम करने वाले ज्यादातर कर्मचारियों ने अपना पीएफ खाता कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में खोला होगा. ईपीएफओ न केवल आपके पैसे को इस खाते में भविष्य के लिए सुरक्षित रखता है, बल्कि आपको रिटायरमेंट के बाद पेंशन की सुविधा भी देता है. कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) एक ऐसी योजना है जहां निजी कर्मचारियों को भी पेंशन सुरक्षा मिलती है. ईपीएफओ ने साल 1995 में इस योजना को और आकर्षक बनाया और इसका नाम बदलकर ईपीएस-95 कर दिया.
ईपीएस-95 एक ऐसी पेंशन योजना है, जिसमें ईपीएफओ कर्मचारी को उसके पूरे परिवार के साथ पेंशन की सुविधा देता है. इस योजना को चुनने वालों को और भी कई सुविधाएं दी जाती हैं. वर्तमान में लगभग 75 लाख पेंशनभोगी ईपीएस-95 योजना के लाभार्थी हैं. इसके अलावा ईपीएफओ से करीब 6 करोड़ अंशधारक भी जुड़े हैं, जिन्हें हाल ही में ईपीएस-95 योजना को चुनने का विकल्प दिया गया है. यह योजना सेवानिवृत्ति की न्यूनतम और गारंटीड पेंशन की सुरक्षा देती है.
कैसे मिलेगा पेंशन का लाभ
इस योजना का चुनाव करने वाले कर्मचारी अगर मिनिमम 10 साल नौकरी कर लेते हैं और 58 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं तो उन्हें गारंटीड पेंशन का लाभ दिया जाता है. यह पेंशन किसी भी हाल में 1000 रुपये महीने से कम नहीं होती है. रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को आजीवन इस पेंशन का लाभ दिया जाता है.
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पत्नी और बच्चों को कितनी पेंशन
यदि पेंशनधारक के साथ किसी तरह की अनहोनी हो जाती है तो उनकी पत्नी को पेंशन का लाभ मिलता है. हालांकि, पत्नी को मिलने वाली पेंशन की राशि कर्मचारी के मुकाबले 50 फीसदी होती है. इसका मतलब है कि यदि पति को 10 हजार रुपये पेंशन दिया जाता था तो उनके न रहने पर पत्नी को 5 हजार की पेंशन मिलेगी. इतना ही नहीं अगर पति-पत्नी दोनों ही नहीं रहते तो उनके बच्चों को पेंशन का लाभ दिया जाता है. योजना के तहत 2 बच्चों को 25 साल की उम्र तक पेंशन का लाभ दिया जाता है. यह मूल पेंशन का 25 फीसदी होता है. यानी अगर मूल पेंशन 10 हजार रुपये थी तो बच्चों को 2.5 हजार की पेंशन दी जाएगी.