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बंधक बनाए गए 200 लोगों को Hamas कर सकता है Israel के ‘दुश्‍मन देश’ ईरान के हवाले! रूस पहुंचा हमास डेलिगेशन

Israel Hamas War updates: इजरायली हमलों से छटपटाए हमास ने अब अपना प्रतिनिधिमंडल ईरान के रास्‍ते रूस भेजा है. रूसी राजधानी मॉस्को में हमास के प्रतिनिधिमंडल ने रूसी राष्ट्रपति के विशेष दूत मिखाइल बोगदानोव से मुलाकात की. ईरान पर्दे के पीछे इजरायल पर दवाब बनाएगा.

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रूस की राजधानी मॉस्को में मौजूद हमास के अगुआ. ईरानी विदेश मंत्री की अगुवाई में हमास ने इजरायली के कब्जे को हटाने और अपने विरोध करने के अधिकार की भी वकालत की.

Israel Hamas War Iran Russia : पश्चिमी एशिया में इजरायल-हमास की जंग छिड़े 19 दिन हो गए हैं. फिलिस्‍तीन के गाजा में पनपे इस्‍लामिक उग्रवादी समूह ‘हमास’ ने अब ऐलान किया है कि वो बंधक बनाए गए इजरायली लोगों को ईरान को सौंप सकता है. ईरान वही देश है, जिसकी इजरायल से दुश्‍मनी जग-जाहिर है. ईरान और इजरायल दोनों एक-दूजे को मिटाने पर आमादा हैं. ईरान अभी हमास को खुला समर्थन दे रहा है.

खबर है कि इजरायली सेना के ताबड़तोड़ पलटवार से हमास की आलाकमान घबराई हुई है..इजरायल ने हजारों मिसाइलें, रॉकेट और बम गाजा पर दागे हैं. जिससे गाजा में बड़ी तबाही मची है और ऐसे में बहुत-से मुस्लिम देश ये चाहते हैं कि जंग खत्‍म हो जाए. लिहाजा, हमास का डेलिगेशन अब ईरान के मंत्री को लेकर रूस पहुंच गया है. रूस में हुई बैठक के बाद ईरानी विदेश मंत्री ने कहा कि हमास इजरायल के बंधक बनाए गए लोगों को रिहा करने और उन्हें ईरान को सौंपने के लिए तैयार है.

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ईरानी मंत्री के साथ रूस पहुंचे हमास के अगुआ

हमास का एक प्रतिनिधिमंडल रूस की राजधानी मॉस्को में नजर आया, जहां हमास के अगुआ ने रूसी विदेश मंत्रालय के मुख्यालय में रूसी राष्ट्रपति के विशेष दूत मिखाइल बोगदानोव और विदेश मामलों के उपमंत्री से मुलाकात की. इस मुलाकात से जुड़ी कुछ तस्‍वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई हैं. विदेशी मीडिया ने बताया कि हमास प्रतिनिधिमंडल में मॉस्को में आंदोलन के प्रतिनिधि औऱ राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य डॉ. बासेम नईम भी शामिल थे.

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ईरान के हाथ लगा इजरायल को झुकाने का मौका?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हमास, ईरान और रूस के मंत्रियों के बीच ये अहम बैठक गाजा पट्टी पर इजरायली अटैक और इजरायली वॉर क्राइम को रोकने को लेकर हुई. विदेश मामलों के जानकारों का कहना है कि यदि रूस और ईरान हमास के प्रतिनिधिमंडल से मिले हैं तो कुछ तो खिचड़ी पक रही है. हो सकता है ईरान इसी बहाने इजरायल पर दवाब बनाए और अपनी कुछ बड़ी मांगों को मनवा ले. वहीं, दूसरी ओर यह खबर अमेरिका और अन्‍य पश्चिमी देशों के लिए भी झटका होगी…क्‍योंकि उन देशों के संबंध रूस और ईरान दोनों ही देशों से खराब चल रहे हैं.

— भारत एक्सप्रेस



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