गंगा नदी में तैरता मिला 'राम' नाम का पत्थर
Stone of Ram Name: रामायण में पत्थरों पर ‘राम’ नाम लिखकर सेतु बनाया गया था, जिससे भगवान राम और उनकी सेना लंका तक पहुंच सकी थी. वहीं अब राजधानी पटना स्थित राजा घाट के पास शुक्रवार को गंगा नदी में तैरता हुआ एक पत्थर मिला, जिस पर ‘राम’ लिखा हुआ था. इसके बाद से ही इस पत्थर को देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो रही है. कुछ लोगों का कहना है कि यह पत्थर काफी पुराना हो सकता है तो वहीं कुछ लोग इसे श्रद्धाभरे भाव से देख रहे हैं. फिलहाल इस पत्थर को लोगों ने राजा घाट के पास ही एक मंदिर के प्रांगण में रखा दिया है. स्थानीय लोगों के मुताबिक, कुछ लोग इस राम शिला भी कह रहे हैं.
पटना में अब राम नाम का पत्थर चर्चा का विषय बन गया है. लोग इसकी पूजा करने के लिए दूर-दूर से आ रहे हैं. पत्थर को राम शिला बताने वाले काफी खुश नजर आ रहे हैं. हालांकि इस मामले भू वैज्ञानिकों ने अपनी अलग राय दी है.
गंगा नदी में तैरता दिखा पत्थर
जानकारी के मुताबिक, राजा घाट पर कुछ लोग नहाने के लिए आए थे. इस दौरान उन्हें गंगा नदी में एक पत्थर तैरता हुआ दिखाई दिया. उस पर राम का नाम लिखा हुआ था. इसके बाद लोगों ने इसे बाहर निकाला. स्थानीय लोगों ने बताया कि पत्थर जब तैर रहा था तो देखने में वह काफी हलका लग रहा था, लेकिन जब उठाया तो वह भारी था. इसके बाद राम नाम के पत्थर को मंदिर के प्रांगण में रख दिया गया है. अब लोग इसे श्रद्धा के भाव से देखने के लिए आ रहे हैं, पूरी आस्था के साथ लोग इसकी पूजा कर रहे हैं.
पटना सिटी के राजा घाट पर एक पत्थर मिला है. कहा जा रहा है गंगा में तैर रहा था. राम लिखा है. देखिए वीडियो pic.twitter.com/hhFSqFSLmy
— Ajeet Kumar (@iajeetkumar) August 25, 2023
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वैज्ञानिकों ने दी अलग राय
एक तरफ पत्थर को लेकर लोग में श्रद्धा है तो वहीं दूसरी तरफ वैज्ञानिकों की इस पर अलग ही राय है. भू-वैज्ञानिकों ने इसकी जुड़ी कई जानकारियां दी हैं. उनका कहना है कि जब पत्थर पुराने हो जाते हैं तो उसमें बहुत छोटे-छोटे छेद हो जाते हैं. इसकी वजह से पत्थर पानी में तैरने लगते हैं, उन्होंने बताया कि जल में तैरने वाले पत्थर प्यूसिम पत्थर के नाम से जाने जाते हैं, इन पत्थरों में छोटे-छोटे छेद हो जाते हैं. इसके वजह से इनके कोष्ठों में हवा भरी होती है. भू-वैज्ञानिक बताते है कि जो पत्थर पानी पर तैरते हैं. इनकी आंतरिक संरचना एकदम ठोस न होकर अंदर से स्पंज अथवा डबल रोटी जैसे होती है, इन वायु प्रकोष्ठों के कारण ये पत्थर वजन में भारी होने के बाद भी घनत्व के हिसाब से हल्के होते हैं. इस कारण ये पत्थर पानी में तैर सकते हैं.
– भारत एक्सप्रेस
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