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नवाज की वापसी से बदलेगा पाकिस्तान ?

Nawaz Sharif: राजनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए नवाज शरीफ की वापसी को काफी अहम माना जा रहा है।

नवाज शरीफ

Pakistan Elections: ब्रिटेन में निर्वासन की जिंदगी गुजार रहे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की आखिरकार घर वापसी हो गई है। तीन बार पीएम रहे नवाज शरीफ के लौटने को लेकर पाकिस्तान में कई महीने अटकलों का बाजार गर्म रहा। 73 वर्षीय नवाज शरीफ पिछले चार वर्ष से लंदन में रह रहे थे। अब उनके लौटने से पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) यानी PML(N) को उम्मीद की नई किरण नजर आ रही है।

राजनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए नवाज शरीफ की वापसी को काफी अहम माना जा रहा है। पाकिस्तान में महंगाई अपने चरम पर है। कर्ज की मार झेल रहे पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन बद से बदतर होती जा रही है। तो वहीं देश को विदेशी मुद्रा भंडार की कमी से भी दो चार होना पड़ रहा है। दूसरी ओर विपक्षी पार्टियों की ओर से मिल रही चुनौतियां भी कम बड़ी नहीं है। नवाज शरीफ की वापसी को विपक्षी दल सेना से उनकी सांठगांठ को जोड़कर देख रहे हैं।

हालांकि पाकिस्तान मुस्लिम लीग का मानना है कि राजनीति में नवाज शरीफ का रसूख और जमीनी नेता की छवि से चुनाव में उसे फायदा होगा और पार्टी की लोकप्रियता भी बढ़ेगी। इस्लामाबाद लौटने से पहले दुबई में नवाज शरीफ ने पाकिस्तान की मौजूदा हालात पर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि अच्छा होता अगर देश के हालात आज बेहतर होते। जिस देश को आगे बढ़ाना था, वो आज आर्थिक और एकजुटता के लिहाज से काफी पीछे जा चुका है। उनकी पार्टी पाकिस्तान को तत्कालीन समस्या से बाहर निकालने में सक्षम है।

दरअसल पाकिस्तान की राजनीति में नवाज शरीफ का उदय सेना के समर्थन और सहयोग से हुआ था। अस्सी के दशक में नवाज शरीफ सेना के चहेते राजनेता थे। सेना ही उन्हें बेनजीर भुट्टो के खिलाफ राजनीति में लेकर आई थी। 1988 के चुनाव में ISI ने नवाज के पक्ष में राजनीतिक जमीन तैयार करने में मदद की और इस्लामी जम्हूरी इतिहाद से गठबंधन कराया। सेना की मदद से एक बार फिर नवाज की वापसी हो चुकी है।

पाकिस्तान का राजनीतिक माहौल इस वक्त PML(N) के पक्ष में नजर आ रहा है। PML(N) इस कोशिश में है कि अवाम ये मान ले कि पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानी PTI कहीं दौड़ में नहीं है। इमरान खान भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद हैं। लेकिन उनकी पार्टी PTI चुनावी तैयारियों में जुटी है। जानकार मानते हैं कि पाकिस्तान के अगामी आम चुनाव में नवाज शरीफ को इमरान खान से कड़ी टक्कर मिल सकती है। इमरान की पार्टी का आरोप है कि नवाज की पाकिस्तान वापसी में नियम कानूनों की धज्जियां उड़ाई गई है।

तो वहीं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी यानी PPP के प्रमुख बिलावल भुट्टो समेत कई पार्टी नेता भी नवाज पर आरोप मढ़ते दिख रहे हैं। उनका कहना है कि नवाज शरीफ ने सेना से सांठगांठ और भरोसा मिलने के बाद ही पाकिस्तान वापसी की है। इससे पहले कराची की एक सभा में बिलावल भुट्टो ने नवाज शरीफ का नाम लिए बगैर उनपर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि देश को लंदन से नहीं चलाया जा सकता है। हर नेता के लिए लोगों के बीच मौजूद रहना जरूरी है। नेता की जिम्मेदारी है कि वो लोगों के प्रति जवाबदेह बनें।

पाकिस्तान में नवाज शरीफ की वापसी हो चुकी है और किसी भी वक्त आम चुनाव का एलान हो सकता है। ऐसे में सभी पार्टियां अपने-अपने तरीके से चुनावी नफा-नुकसान को भांप रही हैं। जहां नवाज शरीफ की वापसी को PML(N) बड़े फायदे के रूप में आंक रही है, तो वहीं इमरान खान की PTI नवाज शरीफ को टक्कर देने की जोड़ जुगत में लगी है। बिलावल भुट्टो की PPP के सुर सरकार से अलग सुनाई दे रहे हैं। अब सवाल ये उठता है कि सेना नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री बनवाने में कहां तक कामयाब हो पाएगी।

– भारत एक्सप्रेस

 

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