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मोदी सरकार में सरपट दौड़ रहा शेयर बाजार, राहुल गांधी ने सिर्फ 5 महीनों में कमाया ₹46.5 लाख का मुनाफा

भारतीय शेयर बाजार मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में उफान पर है. इससे राजनेताओं को भी फायदा हो रहा है. विपक्षी नेता राहुल गांधी को शेयर बाजार से लाखों रुपये का मुनाफा हुआ है.

Rahul Gandhi profit in stock market

Rahul Gandhi profit at Stock market: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में शेयर बाजार में तेजी देखने को मिल रही है. भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार मजबूत होने के कारण सेंसेक्स और निफ्टी नए रिकॉर्ड बना रहे हैं. इस कारण से आम निवेशकों के साथ-साथ देश के बड़े राजनेताओं को भी जमकर मुनाफा हो रहा है. इसमें विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी शामिल हैं.

एक कैलकुलेशन के मुताबिक, राहुल गांधी को बीते करीब पांच महीने में शेयर बाजार से 46.49 लाख रुपये का मुनाफा हुआ है. यह मुनाफा उनकी ओर से रायबरेली लोकसभा के लिए भरे गए चुनावी नामांकन में दर्ज शेयरों के आधार पर कैलकुलेट किया गया है, जिसमें बताया गया था कि 15 मार्च, 2024 को उनके पोर्टफोलियो की वैल्यू 4.33 करोड़ रुपये थी. शेयर बाजार में 12 अगस्त, 2024 तक उनके पोर्टफोलियो की कीमत बढ़कर 4.80 करोड़ रुपये हो गई है.

Rahul Gandhi made Rs 46.5 lakh profit

कांग्रेस नेता के पोर्टफोलियो में ये शेयर शामिल

राहुल गांधी के पोर्टफोलियो में एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस, दीपक नाइट्रेट, डिवीज लैब्स, जीएमएम फॉडलर, हिंदुस्तान यूनिलीवर, इन्फोसिस, आईटीसी, टीसीएस, टाइटन, ट्यूब इन्वेस्टमेंट और एलटीआई माइंडट्री जैसे शेयरों के नाम शामिल हैं. इसके अलावा वर्टोज एडवरटाइजिंग और विनाइल केमिकल जैसी कई छोटी कंपनियां उनके पोर्टफोलियो में शामिल हैं.

बड़ी बात यह है कि उनके पोर्टफोलियो में करीब 24 शेयर हैं, जिसमें से केवल 4 कंपनियों– एलटीआई माइंडट्री, टाइटन, टीसीएस और नेस्ले इंडिया में ही उन्हें घाटा हो रहा है. बाकी की कंपनियों में राहुल गांधी मुनाफे में हैं. उनके पोर्टफोलियो में मौजूद वर्टोज लिमिटेड में कॉरपोरेट एक्शन देखने को मिला है, जिसके कारण उनके पास इस कंपनी के शेयर की संख्या बढ़कर 5,200 हो गई है, जो कि 15 मार्च, 2024 को 260 थी.

adani hindenburg row

अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर बोले राहुल

हिंडनबर्ग की हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी, जिसके बाद राहुल गांधी ने कहा था कि लोगों का निवेश रिस्क जोन में पहुंच गया है. हालांकि, उन्हें खुद तगड़ा मुनाफा हो रहा है.

18 महीने पहले ही खुल चुकी है हिंडनबर्ग की पोल

हिंडनबर्ग की ताजा रिपोर्ट को बाजार के जानकारों ने सिरे से खारिज कर दिया है. केडियानॉमिक्स के संस्थापक और सीईओ सुशील केडिया ने कहा, “बदनाम शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग की पोल 18 महीने पहले ही खुल चुकी है, जब उसने अदाणी ग्रुप को लेकर बड़े दावे किए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई जांच में कुछ नहीं निकलकर आया. बल्कि, सिक्योरिटी मार्केट के नियमों के उल्लंघन के लिए उन्हें सेबी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है.”

उन्होंने आगे कहा, “अब 18 महीने बाद हिंडनबर्ग अचानक से आता है और सोशल मीडिया पर दावा करता है कि भारत के बारे में उसके पास कुछ बड़ा है. इसका मकसद केवल रिटेल निवेशकों के भरोसे को तोड़कर भारत के शेयर मार्केट को समाप्त करना है. चैम्बर ऑफ जय अनंत देहद्राई के संस्थापक एडवोकेट जय अनंत देहद्राई का कहना है कि हिंडनबर्ग का मकसद केवल मार्केट को शॉर्ट कर पैसा कमाना है. शनिवार को रिपोर्ट आती है, रविवार को इस पर चर्चा होती है, जिससे सोमवार को बाजार में गिरावट आए और ये पैसा कमाएं.”

इस वर्ष की शुरुआत से अब तक सेंसेक्स करीब 11 प्रतिशत और निफ्टी करीब 12 प्रतिशत का रिटर्न दे चुका है.

— भारत एक्सप्रेस



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