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दिल्ली शराब नीति घोटाला: CBI के केस में केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत, 177 दिन बाद आएंगे जेल से बाहर

Arvind Kejriwal bail : दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आखिरकार जमानत मिल गई. उनकी याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया.

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Arvind Kejriwal CBI Case Update: दिल्ली शराब नीति से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है. अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ आज जमानत दे दी है. केजरीवाल को सीबीआई और ईडी दोनों के मामलों में सुप्रीम कोर्ट से ये राहत मिली है.

संवाददाता के अनुसार, सीएम केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दो अलग-अलग याचिका दायर की थीं. इनमें से एक याचिका में केजरीवाल ने सीबीआई द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी. जबकि दूसरी याचिका उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा जमानत से इंकार करने के फैसले के खिलाफ दायर की थी.

5 सितंबर को सुरक्षित रखा गया था फैसला

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइयां की पीठ ने 5 सितंबर को सभी पक्षों की जिरह के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. मामले की सुनवाई के दौरान सीएम केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि शराब नीति मामले में संबंधित सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर में सीएम केजरीवाल का नाम नहीं है.

केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जो व्यक्ति संवैधानिक पदाधिकारी है, उसके फरार होने का जोखिम नहीं हो सकता है. ट्रिपल टेस्ट की शर्तें केजरीवाल के फेवर में है. सबूतों के साथ छेड़छाड़ की संभावना नही है. सिंघवी ने कहा कि ईडी मामले में 9 चार्जशीट और सीबीआई के मामले में 5 चार्जशीट दाखिल हुए है. सिंघवी ने कहा कि सीबीआई ने जिन आधारों पर गिरफ्तारी की गई है वो जनवरी के थे, लेकिन 25 जून को गिरफ्तार किया गया.

CBI के पास कोई नया सबूत नहीं था: सिंघवी

सिंघवी ने कहा कि सीबीआई के पास कोई नया सबूत नहीं था. सिर्फ जनवरी के एक बयान के आधार पर केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तारी का एक मात्र आधार यह भी है कि जांच में केजरीवाल सहयोग नही कर रहे है और जवाब देने में टाल मटोल कर रहे है. सिंघवी ने यह भी कहा था कि केजरीवाल को बीते दिनों मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अंतरिम जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सीएम समाज के लिए खतरा नही है. उन्होंने यह भी कहा था कि दो बार सुप्रीम कोर्ट से जबकि एक बार निचली अदालत केजरीवाल को जमानत पर रिहा करने का आदेश दे चुका है.

सिंघवी ने कहा कि सीबीआई ने दो वर्षों में कोई गिरफ्तारी नही की थी, लेकिन फिर बीती 26 जून को केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया. सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी एक तरह से इंश्योरेंस गिरफ्तारी थी. सीबीआई की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ही मामले की जांच के लिए पहली कोर्ट है. दुर्लभ और असाधारण मामलों में ही सीधे हाई कोर्ट जाया जा सकता है.

हाईकोर्ट ने निचली अदालत में याचिका दाखिल करने को कहा था

एएसजी ने कहा कि हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत के लिए निचली अदालत में जमानत याचिका दाखिल करने को कहा था. एएसजी राजू ने कहा कि वे यहां आए और फिर उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और फिर से वे सुप्रीम कोर्ट आए. लेकिन केजरीवाल सांप-सीढ़ी के खेल की तरह शॉर्टकट अपना रहे है. एएसजी एसवी राजू ने कहा कि कविता की गिरफ्तारी के मामले में इस अदालत ने कहा था कि निचली अदालत में नियमित याचिका दाखिल करें.

बता दें कि ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए 18 आरोपियों में से 14 को अबतक जमानत मिल चुकी है. जिसमें 11 आरोपियों को नियमित जमानत जबकि तीन को अंतरिम जमानत मिली है. अंतरिम जमानत पाने वालों में सीएम अरविंद केजरीवाल, अभिषेक बोइनपल्ली और बिजनेस मैन अमित अरोड़ा शामिल है. वही नियमित जमानत पाने वालों में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह, बीआरएस नेता के कबिता, आप के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर, शराब व्यवसायी समीर महेंद्रू, बिजनेस मैन बिनॉय बाबू, राजेश जोशी, पंजाब के शराब कारोबारी गौतम मल्होत्रा, हैदराबाद के व्यवसायी अरुण पिल्लई, आप के वालंटियर चनप्रीत सिंह और विनोद चौहान शामिल है.

— भारत एक्सप्रेस

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