केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (फाइल फोटो)
Giriraj Singh: बीजेपी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह समेत 22 नेताओं को 9 साल पुराने मामले में बरी कर दिया गया है. मुजफ्फरपुर की विशेष एमपी-एमएलए (MP/MLA) अदालत ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, वैशाली की सांसद वीणा देवी को राहत दी है. वहीं दो पूर्व मंत्री और अन्य लोग सबूतों के अभाव के चलते इस मामले में बरी हो गए.
साल 2014 के मार्च के महीने में बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा नहीं देने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ बीजेपी नेताओं द्वारा एक राज्यव्यापी “रेल रोको” अभियान शुरू किया गया था.
27 लोग हुए थे नामजद
“रेल रोको” अभियान मामले में सोनपुर में मुकदमा दर्ज किया गया था. बाद में मामला सोनपुर से मुजफ्फरपुर अदालत (Muzaffarpur Court) में ट्रांसफर कर दिया गया था. पूरे मामले की जानकारी देते हुए बचाव पक्ष के अधिवक्ता अशोक कुमार (Ashok Kumar) ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “इस मामले में कुल 27 लोगों को नामजद किया गया था और उनमें से 23 को आरोपी बनाया गया था. उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलने के कारण सभी को बरी कर दिया गया था.”
23 लोगों को बनाया गया था आरोपी
‘रेल रोको’ अभियान में कुल 23 लोगों को आरोपी बनाया गया था जिसमें केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के अलावा राज्य के पूर्व मंत्री सुरेश कुमार शर्मा,आशीष साहू, विनोद कुमार कुशवाहा, देवीलाल, शशिकुमार सिंह, रितेंद्र कुमार उर्फ रितेंद्र प्रकाश शर्मा, दिनेश कुमार उर्फ दिनेश कुमार पुष्पम, रामसूरत राय, वैशाली सांसद वीणा देवी, बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह, अंजू रानी, देवांशु किशोर, कमलेश्वर प्रसाद उर्फ केपी पप्पू, धीरेंद्र प्रसाद सिंह उर्फ धीरेंद्र कुमार सिंह, मनीष कुमार अविनाश सुमन कुमार उर्फ सुमन कुमार सिन्हा, रघुनंदन प्रसाद सिंह, मदन चौधरी, रामबाबू राय, गीता देवी और वंदना शामिल थे.
सीएम नीतीश कुमार ने भी की थी विशेष दर्जे मांग
इससे पहले बिहार के स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 22 मार्च को राज्य के लिए “विशेष दर्जे” की मांग की थी. 111वें बिहार दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा, ‘हालांकि बिहार अभी भी गरीबी की चपेट में है, लेकिन यह हर साल विकास की सीढ़ी चढ़ रहा है. बिहार को विशेष दर्जा दिया जाना चाहिए. हम इसकी मांग कर रहे हैं.