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Ayodhya Ram Mandir: देखिए अंतरिक्ष से कैसा नजर आता है राम मंदिर, ISRO ने शेयर किया सैटेलाइट व्यू

Ramlala Pran Pratishtha: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह से ठीक पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा स्वदेशी सैटेलाइट का उपयोग करके अंतरिक्ष से भव्य राम मंदिर की पहली झलक दिखाई गई है.

Ram Mandir satellite view

Ram Mandir Satellite View: उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में भगवान श्रीराम का मंदिर भव्य रूप से बनकर तैयार हो गया है. 22 जनवरी के कार्यक्रम को देखते हुए फूलों व रंग-बिरंगी रोशनी से सज कर तैयार हो गया है और बस अब कमी रह गई है तो रामलला की. कल उनकी भी प्राण-प्रतिष्ठा हो जाएगी और फिर रामलला के भक्तों का तांता लगा रहेगा. इसी बीच कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जो कि इसरो द्वारा जारी की गई हैं. ये तस्वीरें सैटेलाइट द्वारा ली गई हैं. सैटेलाइट तस्वीरों में दशरथ महल और सरयू नदी साफ नजर आ रही है. नव पुनर्निर्मित अयोध्या रेलवे स्टेशन भी सैटेलाइट तस्वीर में दिख रहा है.

बता दें कि, भारत के पास मौजूदा समय अंतरिक्ष में 50 से अधिक सैटेलाइट हैं. उनमें से कुछ का रिजॉल्यूशन एक मीटर से भी कम है. तो वहीं रामलला के स्वागत की इस धूम के बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के हैदराबाद में स्थित राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर ने अयोध्या के भव्य श्रीराम मंदिर की तस्वीरें लेने के काम किया है औऱ राम भक्तों के लिए ये तस्वीरें आकर्षक का केंद्र बनी हुई है. मालूम हो कि, इसरो द्वारा जारी की गईं सैटेलाइट तस्वीरों में 2.7 एकड़ के श्रीराम मंदिर स्थल को साफ दिखाई दे रहा है. भारतीय रिमोट सेंसिंग श्रृंखला के सैटेलाइट का उपयोग करके इसका एक विस्तृत दृश्य भी दिखाया गया है. अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह से ठीक पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा स्वदेशी सैटेलाइट का उपयोग करके अंतरिक्ष से भव्य राम मंदिर की पहली झलक दिखाई गई है, जो कि राम भक्तों को खूब लुभा रही है. यह तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है.

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रामलला के मूर्ति को लगाने के स्थान की पहचान भी की ISRO ने

मीडिया सूत्रों के मुताबिक, मंदिर के निर्माण के अन्य चरणों में भी इसरो ने अहम भूमिका निभाई है. इसरो की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल इसके लिए किया गया है. अयोध्या की इस भव्य परियोजना में एक बड़ी चुनौती भगवान राम की मूर्ति को लगाने के लिए सटीक स्थान की पहचान करना था. खबर सामने आ रही है कि, मंदिर निर्माण के दौरान भगवान राम की सटीक स्थान की पहचान करने की जिम्मेदारी भी इसरो को सौंपी गई थी, क्योंकि, राम मंदिर का ट्रस्ट चाहता था कि भगवान राम मूर्ति को 3X 6 फीट की जगह पर रखा जाए, जहां की मान्यता है कि, भगवान राम का जन्म हुआ था.

-भारत एक्सप्रेस

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