पंडित हरिओम शर्मा की पुस्तक ‘कवितायें कामयाबी की’ हुई लॉन्च
Lucknow: साहित्यकार पंडित हरिओम शर्मा ‘हरि’ की नई पुस्तक ‘कवितायें कामयाबी की’ का लोकार्पण अवनीश अवस्थी (मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार) ने आज पंडित हरि ओम शर्मा ‘हरि’ द्वारा रचित काव्यकृति ‘कवितायें कामयाबी का’ का शुभारम्भ ईश वंदना, सरस्वती वंदना एवं माता-पिता की सुमधुर आरती के साथ हुआ. साथ ही 12 महान विभूतियां को विशेष रूप से सम्मानित भी किया. ये वो लोग है जिन्होंने सामाजिक उत्थान में अतुलनीय योगदान दिया है.
लेखक व प्रख्यात साहित्यकार पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’ की यह 19वी पुस्तक है और इसमें 68 कविताएं शामिल है, मुख्य रूप से किशोर व युवा पीढ़ी के उज्जवल भविष्य को समर्पित है जो कि युवा पीढ़ी को एक नई राह दिखाएगी, इसके साथ ही जीवन मूल्यों और संस्कारों को आत्मसात कराने के अलावा भारत की महान संस्कृति व सभ्यता से भी रूबरू होंगे.
‘‘कवितायें कामयाबी की’ प्रेरणादायी पुस्तक है’
इस अवसर पर बड़ी संख्या में लेखकों, कवियों, प्रशासनिक अधिकारियों, पत्रकारों, शिक्षाविदों, कानूनविदों व लखनऊ के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति ने समारोह को यादगार बना दिया. इस मौके पर अवनीश अवस्थी ने कहा कि पुस्तक ‘कवितायें कामयाबी की’ ऐसी प्रेरणादायी पुस्तक है, जिसे पढ़कर किशोर व युवा समझदारी से अपने सपनों को साकार कर सकते हैं,इस पुस्तक में प्रत्येक कविता को उसके भावार्थ के साथ प्रस्तुत करना अनुपम प्रयोग है,जिससे पाठकगण कविताओं की प्रत्येक पंक्ति के मर्म को गहराई से समझ पायेंगे.
समारोह का खास आकर्षण सामाजिक उत्थान में अतुलनीय योगदान देने वाली विभूतियों का सम्मान समारोह रहा, जिन्हें मुख्य अतिथि अवनीश अवस्थी ने पगड़ी पहनाकर, शाल ओढ़ाकर एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया, सम्मानित होने वाली महान विभूतियों में डा. जगदीश गांधी, उमेश चन्द्र तिवारी, आई.ए.एस, मायादेवी शर्मा, डां. अंशुमान पाण्डेय, डा. संदीप अग्रवाल, डा. सुल्तान शाकिर हाशमी, मुरलीधर आहूजा, राजेन्द्र चौरसिया, शील अग्रवाल शामिल एवं ज्वाला प्रसाद शर्मा शामिल हैं.
इस अवसर पर अपने स्वागत भाषण में पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’ ने कहा कि आप सभी की उपस्थिति ने मेरा मनोबल व उत्साह दो गुना नहीं अपितु सौ गुना कर दिया है. हरि ओम शर्मा को पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’ बनाने वाले तो आप ही हैं, पं. शर्मा ने आगे कहा कि अवनीश अवस्थी, आई.ए.एस, एवं मंचासीन महान विभूतियों के हाथों मेरी पुस्तक का लोकार्पण होना मेरे लिए अति-सौभाग्य की बात है.