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Chhattisgarh Elections: CGPSC घोटाले पर सियासत तेज, बीजेपी ने की CBI जांच की मांग, जानें क्या है पूरा मामला

CGPSC Scam: पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है, “राज्य के युवाओं को राज्य सरकार की जांच पर भरोसा नहीं है. इसकी CBI से जांच कराई जाए.”

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सीएम भूपेश बघेल और रमन सिंह

Chhattisgarh Elections: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले कथित सीजीपीएससी (CGPSC) घोटले की आवाज अब राष्ट्रीय स्तर पर सुनाई देने लगी है. बीजेपी इसे प्रदेश में बड़ा मुद्दा बनाने में जुटी हुई है. वहीं कांग्रेस भी इस मामले में बीजेपी पर पलटवार कर रही है. CGPSC को लेकर दोनों ही पार्टियों में जुबानी जंग तेज हो गई है. प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस मुद्दे को अपनी प्रदेश के दौरे के समय उठाया था. वहीं इस मामले में प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (Raman Singh) ने पीएम मोदी को पत्र लिख दिया है और छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) में हुए कथित ‘घोटाले’ की जांच से सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंडिया (CBI) से कराने की मांग की है.

दरअसल, बीजेपी ने पीएससी के सेलेक्शन प्रक्रिया पर सावल उठाए हैं. वहीं कांग्रेस का इस मामले पर कहना है कि अगर इस परीक्षा में पीएससी के अधिकारियों के रिश्तेदारों का सेलेक्शन होता है तो इसमें कोई बुराई नहीं है.

परीक्षा में भाई-भतिजावाद को शामिल किया

पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह ने पीएम मोदी को लिखे अपने पत्र में कहा कि, ‘‘छत्तीसगढ़ की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा लोक सेवा आयोग में प्रतिवर्ष करीब डेढ़ लाख युवा प्रतिभागी शामिल होते हैं. इस परीक्षा में राज्य के प्रमुख पदों पर भर्ती की जाती है, जिसमें अधिकांश मध्यम वर्गीय परिवारों के अभ्यर्थी भाग लेते हैं. इस परीक्षा के इतिहास में पहली बार छत्तीसगढ़ में पारदर्शिता को खत्म कर भाई-भतिजावाद को शामिल किया गया है. इससे राज्य के युवाओं में भारी निराशा और आक्रोश है.’’ उन्होंने पत्र में आगे लिखा है, ‘‘छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2021 के परिणाम में शीर्ष 18 नाम, कांग्रेस नेताओं, सीजीपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष और बड़े अधिकारियों के बच्चों और रिश्तेदारों के हैं. उच्च पदों पर उनका चयन हुआ है.’’

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रमन सिंह ने पत्र में लिखा- युवाओं में निराशा और आक्रोश को देखते हुए पूर्व गृहमंत्री और पार्टी के विधायक ननकीराम कंवर ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए राज्य सरकार को फटकार लगायी और चयनित कुल 18 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगाने को कहा है. उन्होंने कहा कि चूंकि 18 में से पांच की नियुक्ति हो चुकी थी, इसलिए मौजूदा में कुल 13 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगी है.

‘राज्य के युवाओं को राज्य सरकार की जांच पर भरोसा नहीं’

पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है, ”राज्य के युवाओं को राज्य सरकार की जांच पर भरोसा नहीं है. छत्तीसगढ़ के काबिल युवाओं का भविष्य अंधकार में डूबने से बचाने के लिए आपसे आग्रह है कि सीबीआई द्वारा इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाकर छत्तीसगढ़ के युवाओं को न्याय दिलवाने में सहायता करें.”

– भारत एक्सप्रेस

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