मुख्तार अंसारी-अफजाल अंसारी (फोटो सोशल मीडिया)
Ansari Family Politics: देश की सियासी ताने-बाने में परिवारवाद की राजनीति बहुत प्रभावी रही है. कुछ परिवारों के क्षत्रप अपने प्रभाव और तेवरों के कारण हमेशा सुर्खियों में रहे. पूर्वी उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले एक परिवार की अभी सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, वो है अंसारी परिवार.
देश के पूर्व उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी और उत्तर प्रदेश में कई बार विधायक चुने गए मुख्तार अंसारी का नाम आप सुने ही होंगे, वे दोनों इसी अंसारी परिवार से हैं. बीते दिनों मुख्तार अंसारी का निधन हो गया. अब उनके बाद उनके वारिस को राजनीति में समर्थकों से समर्थन मिलेगा.
यहां आपको बता दें कि अंसारी परिवार से जुड़े लोग यूं तो सियासत में आज़ादी के पहले से सक्रिय थे, लेकिन अगर अंसारी बंधुओं की बात की जाए तो इनके सियासी सक्रियता की शुरुआत 80 के दशक में हुई. इनकी सियासी मजबूती ऐसी कि भाजपा को छोड़कर हर राजनैतिक दल से रिश्ते बेहतर रहे. अंसारी बंधुओं ने कम्युनिस्ट पार्टी, सपा, बसपा और सुभासपा से सियासी सफ़र तय किया.
ऐसे शुरु हुआ सियासी सफरनामा
1985 के विधानसभा चुनाव में अफजाल अंसारी पहली बार तत्कालीन गाजीपुर संसदीय क्षेत्र के अन्तर्गत की मोहम्दाबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए थे. उसके बाद 1989, 1991, 1993 में भी अफजाल कम्युनिस्ट पार्टी के ही बैनर तले लगातार विधायक निर्वाचित हुए, वहीं 1996 के विधानसभा चुनाव में अफजाल समाजवादी पार्टी के बैनर तले विधायक बने. हालांकि, 2002 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी कृष्णानन्द राय ने अफजाल अंसारी की सियासी बादशाहत को समाप्त कर दिया. इसके बाद 2004 के लोकसभा चुनाव में अफजाल अंसारी ने गाजीपुर संसदीय क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के बैनर तले जीत दर्ज की. वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा के बैनर तले जीत दर्ज की.
2007 का वो साल
अंसारी परिवार ने 2007 के विधानसभा चुनाव में फिर वापसी की और अफजाल अंसारी के बड़े भाई शिगबतुल्लाह अंसारी ने तत्कालीन विधायक अलका राय को हराकर जीत दर्ज की, वहीं 2012 के विधानसभा चुनाव में भी शिगबतुल्लाह ने जीत दर्ज की. 2017 के विधानसभा चुनाव में अलका राय ने भाजपा के बैनर तले फिर मोहम्मदाबाद की सीट अंसारी परिवार से छीन ली, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में शिगबतुल्लाह अंसारी के पुत्र सुहैब अंसारी ने समाजवादी पार्टी के बैनर तले विधानसभा में दस्तक दिया.
मुख्तार और राजनीति
वहीं मुख़्तार अंसारी पहली बार 1996 और आखिरी बार 2017 में बहुजन समाज पार्टी के बैनर तले मऊ से विधायक निर्वाचित हुए. मुख़्तार ने 1996 में बहुजन समाज पार्टी के बैनर तले मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से अपना सियासी सफ़र शुरु किया. 2002, 2007 में मुख़्तार अंसारी ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर एवं 2012 में अपने खुद के कौमी एकता दल के बैनर तले जीत दर्ज की. 2017 के विधानसभा चुनाव में मुख़्तार फिर से बसपा के बैनर तले विधायक बने.
2022 में अंसारी परिवार की नई पीढ़ी
2022 के विधानसभा चुनाव में मुख़्तार अंसारी के पुत्र अब्बास अंसारी सुभासपा के बैनर तले मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से एवं शिगबतुल्लाह अंसारी के पुत्र सुहैब अंसारी ने समाजवादी पार्टी के बैनर तले मोहम्दाबाद विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की.
-भारत एक्सप्रेस
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