सनातन संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीनतम सभ्यता है.
दुनिया को भारत से बहुत कुछ सीख मिल सकती है. भारतीय पारिवारिक व्यवस्था दुनिया के लिए एक आदर्श है. वर्तमान में हिंदू संस्कृति का पूरे विश्व में प्रसार हो रहा है. विश्व में सभी समस्याओं का हल भारत की संस्कृति से ही मिल सकता है. ये बातें आज विश्व हिंदू परिषद (VHP) के पदाधिकारी खगेंद्र भार्गव ने कहीं.
खगेंद्र भार्गव मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में आयोजित विश्व हिंदू परिषद (VHP) के प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुए. उक्त कार्यक्रम के दौरान प्रांत संगठन मंत्री खगेंद्र भार्गव ने कहा कि दुनिया में भारतीय संस्कृति का प्रभाव बढ़ रहा है. एक स्थानीय विद्यालय में चल रहे प्रशिक्षण वर्ग में 100 से अधिक विद्यार्थी हिस्सा ले रहे हैं.
हमारे देश का गौरवशाली इतिहास रहा
विश्व हिंदू परिषद के संगठन मंत्री भार्गव ने कहा, “भारत का और हम सभी का गौरवशाली इतिहास रहा है. वर्तमान में आत्महीनता की भावना हमारे अंदर आ गई है, हम कौन हैं, हम इस भाव को भूल गए हैं. पूर्व में हम उन्नत भी थे, संपन्न भी थे. हमारी सभ्यता की तुलना में कोई देश नहीं था. हमारे देश में उन्नत विश्वविद्यालय थे, दुनिया भर के लोग यहां शिक्षा के लिए आते थे.”
दुनिया का उद्धार करता रहा है भारत
विहिप नेता खगेंद्र भार्गव ने कहा, “भारत का निर्माण दुनिया का उद्धार करने के लिए हुआ है. आज विदेशों में हमारी संस्कृति का प्रभाव रहा है. किसी समय बहुत बड़े भू—भाग पर भारतीय संस्कृति को मानने वाले लोग हुआ करते थे. आज भी वहां भारतीय संस्कृति का अच्छा प्रभाव है.”
चीन में बौद्ध धर्म भारत से ही गया
उन्होंने कहा, “भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ के नाम से इंडोनेशिया में एयरलाइन है. दुनिया का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर अंकोरवाट, कंबोडिया में स्थित है. चीन में बौद्ध धर्म भारत से ही गया. मैक्सिको, दक्षिण अमेरिका में आज भी भारत में रहने वाले लोगों के जैसे ही लोग रहते हैं, वो भारत की संस्क्रति जैसी संस्कृति को मानते हैं. वियतनाम में भगवान विष्णु का प्राचीन मंदिर स्थित है.”
थाईलैंड में राष्ट्रीय ग्रंथ रामकीर्ति के नाम से रामायण
भारतीय संस्कृति और धर्म के प्रभाव का जिक्र करते हुए भार्गव ने कहा, “थाईलैंड में राष्ट्रीय ग्रंथ रामकीर्ति के नाम से रामायण है. वहां का राष्ट्रीय पक्षी हंस है, वहां के राजा के नाम के पहले रामाधिपति लगता है. साइबेरिया के लोग आज भी अग्नि एवं सूर्य की पूजा करते हैं, गंगाजल का भी वहां बहुत महत्व है.”
— भारत एक्सप्रेस