पीएम मोदी. (इनसेट में पंडित मदन मोहन मालवीय)
Pandit Madan Mohan Malaviya Jayanti: देशभर में आज महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की 162वीं जयंती मनाई जाएगी. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 25 दिसंबर, 2023 को सायं लगभग 4:30 बजे विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में ‘पंडित मदन मोहन मालवीय की संकलित रचनाओं’ के 11 खंडों की प्रथम श्रृंखला का विमोचन करेंगे. इस दौरान पीएम मोदी वहां संबोधन भी देंगे.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा रची गईं द्विभाषी रचनाएं (अंग्रेजी और हिंदी) 11 खंडों में लगभग 4,000 पृष्ठों में हैं, जो देश के हर कोने से एकत्र किए गए पंडित मदन मोहन मालवीय के लेखों और भाषणों का संग्रह है. इन खंडों में उनके अप्रकाशित पत्र, लेख और ज्ञापन सहित भाषण; वर्ष 1907 में उनके द्वारा प्रारम्भ किए गए हिंदी साप्ताहिक ‘अभ्युदय’ की संपादकीय सामग्री; समय-समय पर उनके द्वारा लिखे गए लेख, पैम्फलेट एवं पुस्तिकाएं; वर्ष 1903 और वर्ष 1910 के बीच आगरा और अवध के संयुक्त प्रांतों की विधान परिषद में दिए गए सभी भाषण; रॉयल कमीशन के समक्ष दिए गए वक्तव्य; वर्ष 1910 और वर्ष 1920 के बीच इंपीरियल विधान परिषद में विभिन्न विधेयकों को प्रस्तुत करने के दौरान दिए गए भाषण; बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना से पहले और उसके बाद लिखे गए पत्र, लेख एवं भाषण; और वर्ष 1923 से लेकर वर्ष 1925 के बीच उनके द्वारा लिखी गई एक डायरी शामिल हैं.
सभी रचनाओं की भाषा और पाठ में बदलाव किए बिना प्रकाशन
पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा लिखित और बोले गए विभिन्न दस्तावेजों पर शोध और उनके संकलन का कार्य महामना मालवीय मिशन द्वारा किया गया, जो महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के आदर्शों और मूल्यों के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित एक संस्था है. प्रख्यात पत्रकार राम बहादुर राय के नेतृत्व में इस मिशन की एक समर्पित टीम ने इन सभी रचनाओं की भाषा और पाठ में बदलाव किए बिना ही पंडित मदन मोहन मालवीय के मूल साहित्य पर उत्कृष्ट कार्य किया है. इन पुस्तकों का प्रकाशन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीनस्थ प्रकाशन प्रभाग द्वारा किया गया है.
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक थे मदन मोहन मालवीय
आधुनिक भारत के निर्माताओं में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय का अग्रणी स्थान है. पंडित मदन मोहन मालवीय को एक उत्कृष्ट विद्वान और स्वतंत्रता सेनानी के रूप में सदैव याद किया जाता है, जिन्होंने लोगों के बीच राष्ट्रीय चेतना जगाने के लिए अथक मेहनत की थी.
‘राष्ट्र सेवा में योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान’
एक भाजपा नेता ने कहा कि देश के इस ‘अमृत काल’ में प्रधानमंत्री मोदी का यह दृष्टिकोण रहा है कि राष्ट्र की सेवा में अमूल्य योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को उचित सम्मान दिया जाए. ‘पंडित मदन मोहन मालवीय की संकलित रचनाओं’ का विमोचन इसी दिशा में एक सराहनीय प्रयास है.
— भारत एक्सप्रेस
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