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Uttarkashi Tunnel Updates: मजदूरों को बाहर निकालने में लगेगा और लगेगा वक्त…ऑगर मशीन भी फेल, अब Plan B की तैयारी

Uttarkashi Tunnel Updates: NDMA के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त) ने बताया कि हमें थोड़ा धैर्य रखना पड़ेगा. काम करने वालों पर किसी प्रकार का दवाब नहीं डालना है.

मजदूरों को बाहर निकालने के लिए प्लान B की तैयारी

Uttarkashi Tunnel Rescue Update: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिल्क्यारा टनल हादसे में 41 मजदूरों को बाहर निकालने का काम तेजी से किया जा रहा है. लेकिन हर रोज इसमें दरी हो रही है. मजदूरों बाहर निकालने के लिए हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग का प्लान बनाया गया था. लेकिन अब वह प्लान फेल होता हुआ नजर आ रहा है, क्योंकि ड्रिलिंग के काम के लिए अमेरिका से ऑगर मशीन मंगाई गई थी, लेकिन अब वह भी फेल हो गई है. ऐसे में अब दूसरे प्लान पर काम की तैयारी की जा रही है.

मजदूरों के सुरंग से बाहर निकलने की हर दिन नई उम्मीद होती है, लेकिन सुरंग के अंदर इतना मलबा पड़ा हुआ है कि मशीन भी बार-बार टूटकर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है.

अब प्लान बी पर होगा काम

सुरंग में फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकालने के लिए 800 मिमी चौड़े पाइप की 46.8 मीटर ड्रिलिंग हो गई थी. अनुमान के मुताबिक, यहां मजदूर सिर्फ 12 मीटर दूर हैं. लेकिन उससे पहले ही ड्रिलिंग नहीं हो पाई. क्योंकि 46.8 मीटर के आगे बार-बार सरिया बीच में आ रही हैं. जिससे काम तो रुक ही रहा है बल्कि ऑगर मशीन भी क्षतिग्रस्त हो गई. मशीन को टुकड़ों को सुरंग के बाहर निकाल लिया गया है. इसके बाद सरकार ने अब नये प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है. सुरंग के शीर्ष पर वर्टिकल ड्रिलिंग मशीनें लाई गईं और रेस्क्यू ऑपरेशन के काम को आगे शुरू किया गया.

वहीं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त) ने बताया कि, “हमें थोड़ा धैर्य रखना पड़ेगा. काम करने वालों पर किसी प्रकार का दवाब नहीं डालना है. याद रखना है कि जहां भी काम हो रहा है वे खतरनाक है.”

अभी तक सभी मजदूर सुरक्षित

जनरल सैयद अता हसनैन ने आगे कहा कि अच्छी खबर यह है कि अंदर फंसे 41 मजदूर ठीक हैं. उनके पास सभी चीजें जा रही हैं. मजदूरों के परिजन भी आ गए हैं, मजदूरों ने अपने परिजनों से बात भी की है. जहां तक बचाव अभियान का सवाल है, कुछ समस्याएं हैं जिनका हम सामना कर रहे हैं. ऑगर मशीन में क्षति हुई है और इसका कुछ हिस्सा बाहर नहीं आया है. ऑगर मशीन के उस हिस्से को बाहर लाने के लिए उन्नत मशीनरी की आवश्यकता है, जिसे भारतीय वायु सेना द्वारा हवाई मार्ग से लाया जा रहा है. यह जल्द ही सुरंग स्थल पर पहुंच जाएगा.

– भारत एक्सप्रेस

 



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