श्रीकृष्ण की अवतरण-स्थली पर मुगलों ने बनवाई थी मस्जिद, जिसे शाही ईदगाह कहते हैं.
Krishna Janmabhoomi Shahi eidgah Mosque Case: भगवान के मानव-अवतार श्रीकृष्ण की अवतरण-स्थली मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद और मंदिर की भूमि के मालिकाना हक के लिए हिंदू-मुस्लिम पक्ष अदालत पहुंचे हैं. हिंदु अनुयायियों ने मुगलों की ईदगाह को हटाने की मांग की है. इसके लिए हिंदु पक्ष की ओर से अदालत में कई याचिकाएं लगाई गई हैं. हिंदु पक्ष की मांग है कि अदालत उनकी सभी याचिकाओं पर एकसाथ सुनवाई करे.
आज इस मामले में मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय ने शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज कर दी. याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें हाईकोर्ट ने इस विवाद से जुड़े 15 मुकदमों को एक साथ जोड़कर सुनवाई करने का फैसला लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा- “यह विषय हाईकोर्ट में ही रखें.” जबकि हाईकोर्ट ने पहले ही यह साफ कर दिया था कि इस मामले में सभी मुकदमे एक ही तरह के हैं, जिनमें एक ही तरह के सबूतों के आधार पर फैसला होना है.
विवाद से जुड़े 15 मुकदमे एक साथ सुने जाएंगे
हिंदू पक्ष के एक वकील ने बताया कि सालभर पहले उच्च न्यायालय ने इस विवाद से जुड़े 15 मुकदमों को एक साथ जोड़कर सुनवाई करने का फैसला लिया था. हिंदू पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि मुस्लिम पक्ष चाहता था कि इस विवाद के मुकदमों की सुनवाई अलग-अलग हो, ताकि विवाद हमेशा चलता रहे. मगर, अब सर्वोच्च न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष की SLP खारिज कर दी है.
23 मई 2023 को हाईकोर्ट ने यह कहा था
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 23 मई 2023 को फैसला सुनाते हुए कहा था कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद के सभी मुकदमे एक ही तरह के हैं, जिनमें एक ही तरह के सबूतों के आधार पर फैसला होना है. लिहाजा, अदालत का समय बचाने के लिए ये बेहतर होगा कि इन मुकदमों पर एक साथ सुनवाई हो. वहीं, इससे पहले मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद में हाईकोर्ट ने स्थानीय (जिला) अदालत से सभी मामलों को अपने पास ट्रांसफर करा लिया था. जिस पर भी मुस्लिम पक्ष ने ऐतराज जताया था और फैसले के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में पहुंच गया था. मुस्लिम पक्ष ने सर्वोच्च न्यायालय में SLP दाखिल की थी, इसमें मांग की थी कि सभी मुकदमों को अलग-अलग सुना जाए.
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