मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (फोेटो फाइल)
Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में समृद्धि की एक नई कहानी सामने आई है. प्रदेश में लगातार गरीबों की संख्या कम होते जा रही हैं. नागरिक गरीबी रेखा से उपर आकर समृद्धिपूर्वक जीवन यापन कर रहे हैं. नीति आयोग द्वारा जारी मल्टी डायमेंशनल पावर्टी इंडेक्स में इस बात का खुलासा हुआ है. मध्य प्रदेश में हुई मंत्रिपरिषद कैबिनेट की बैठक से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह जानकारी दी. आपको बता दें कि नीति आयोग द्वारा जारी मल्टी डायमेंशनल पावर्टी इंडेक्स में बताया गया है कि मध्य प्रदेश में 15.94 प्रतिशत लोग गरीबी से बाहर हुए हैं.
प्रदेश में कुल 1.36 करोड़ लोग गरीबी सीमा से उपर आकर सम्मानजनक जीवन यापन कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि है. नागरिकों को दी जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभ के बारे में बताते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि मध्य प्रदेश के 1 करोड़ 36 लाख लोगों को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है. इन्हीं योजनाओं का असर इस रिपोर्ट में दिख रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश को सफलता मिली है. मैं मानता हूं कि यह एक बढ़ा काम है जो हमारे मध्यप्रदेश में केंद्र और राज्य की कई योजनाओं की वजह से हुआ है.
15 जिलों के कलेक्टरों को मिलेगा अवॉर्ड
मध्य प्रदेश में भू—अभिलेखों को डिजिटल करने के उपायों के अपनाने के चलते राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिल रहा है. प्रदेश के 15 जिलों को राष्ट्रपति द्वारा मंगलवार को मिलने जा रहा है. भू अभिलेख में सुधार, डिजिटाइजेशन और मॉर्डेनाइजेशन के लिए इन जिलों का चयन किया गया है. इन सभी 15 जिलों के कलेक्टर राष्ट्रपति के हाथों अवॉर्ड लेंगे. यह पुरस्कार पाने वाला मध्य प्रदेश देश में दूसरे नंबर पर है. आपको बता दें कि इस पुरस्कार के लिए देश के कुल 75 कलेक्टर्स को चुना गया है, इनमें से 15 कलेक्टर मध्य प्रदेश के हैं.
– भारत एक्सप्रेस