पूर्णेश मोदी और राहुल गांधी
Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी है. अब राहुल गांधी की सदस्यता को फिर से बहाल कर दी जाएगी. वहीं कांग्रेस नेता के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दायर करने वाले याचिकाकर्ता और बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लिकन वह सेशन कोर्ट में अपना मुकदमा लड़ते रहेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत देते हुए कहा था कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के प्रभाव व्यापक हैं. इससे न केवल राहुल गांधी का सार्वजनिक जीवन में बने रहने का अधिकार प्रभावित हुआ, बल्कि उन्हें चुनने वाले मतदाताओं का अधिकार भी प्रभावित हुआ. कोर्ट ने कहा कि राहुल को अधिकतम सजा दी गयी है, जिस पर हम रोक लगा रहे हैं. इसके अलावा ट्रायल कोर्ट और गुजरात हाईकोर्ट दोनों ने ही अधिकतम सजा दिए जाने का कोई कारण नहीं बताया है.
हर स्थिति में फैसला हमारे पक्ष में ही रहा- याचिकाकर्ता
राहुल को SC से बड़ी राहत मिलने के बाद बीजेपी विधायक और याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, “मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं लेकिन सेशन्स कोर्ट में अपनी लड़ाई लड़ता रहूंगा. उन्होंने कहा कि 2019 में राहुल गांधी ने कर्नाटक को कोलार में एक चुनावी रैली में पूरी मोदी जाति का अपमान किया था, जिसके लिए हम कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ गुजरात में ट्रायल कोर्ट ने उनको अधिकतम सजा सुनाई थी. इसके बाद सेशन्स कोर्ट और आखिर में गुजरात हाईकोर्ट ने भी उनकी सजा पर रोक नहीं लगाई तो हर स्थिति में फैसला हमारे पक्ष में ही रहा”.
#WATCH आज SC ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी है। हम कोर्ट द्वारा दिए गए इस फैसले का स्वागत करते हैं। हम अदालत में अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे: मोदी सरनेम टिप्पणी मामले में राहुल गांधी के खिलाफ याचिकाकर्ता भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी pic.twitter.com/LTmDB227gt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 4, 2023
उन्होंने आगे कहा कि, “ऐसा बहुत ही असाधारण स्थिति में होता है कि ट्रायल कोर्ट से सजा पाए व्यक्ति की सजा पर रोक लग जाए. राहुल गांधी के मामले को सुनने वाली पीठ ने भी उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा था कि आप अपवाद वाला आदेश मांग रहे हैं. हम सजा पर रोक लगा सकते हैं लेकिन दोष पर नहीं.”
– भारत एक्सप्रेस