लोकसभा चुनाव से पहले जीतन राम ने बढ़ाई नीतीश की टेंशन
Jitan Ram Manjhi: 2024 लोकसभा के चुनाव को लेकर एक तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में लगे हैं तो वहीं दूसरी महागठबंधन की सहयोगी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार की मुसीबतों को बढ़ा दिया है. पूर्व सीएम मांझी के बयानों से ऐसा लगता है कि वह प्रदेश में महागठबंधन से नाता तोड़ सकते हैं. इसके अलावा उन्होंने लोकसभा चुनावों को लेकर भी अपनी पार्टी का रूख साफ कर दिया है, वहीं चेतावनी भी दी है कि अगर ऐसा नहीं होता तो उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ने पर विचार कर सकती है.
पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच जीतन राम मांझी ने बयान दिया कि उनकी पार्टी पर 40 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ सकती है और इसके लिए पार्टी के कार्यकर्ता भी तैयार हैं. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को लोकसभा चुनाव में सही प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए.
‘राजनीति में कसमें नहीं खाई जाती हैं’
जीतन राम मांझी ने कहा है कि मैंने नीतीश कुमार के साथ रहने की कसमें खाई हैं, लेकिन राजनीति में कसमें नहीं होती हैं. उन्होंने कहा अगर चुनाव में उनकी पार्टी को उचित सीटें नहीं मिलती हैं तो वह अपनी कसम को तोड़ देंगे. जीतन ने महागठबंधन पर बोलते हुए कहा कि कांग्रेस हो या माकपा, महागठबंधन में समन्वय समिति बनाने की मांग सभी ने की है.
Nalanda | Although there are no promises in politics. Still, I have vowed to support Nitish Kumar. Be it Congress or CPI(M), everyone has demanded that a coordination committee should be formed in the Mahagathbandhan: Jitan Ram Manjhi, Former Bihar CM & President, Hindustani Awam… pic.twitter.com/ZwuDz0JWYm
— ANI (@ANI) May 16, 2023
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‘दो मंत्रालय को हटाकर एक मंत्रालय कर दिया’
जीतन राम मांझी ने कार्यकर्ताओं को जोश दिलाते हुए पार्टी की बात रखते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं की अनदेखी नहीं की जा सकती है. उन्होंने यह भी कह दिया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मेरे साथ नाइंसाफी है. दो मंत्रालय को हटाकर एक मंत्रालय दिया. इससे पार्टी को काफी नुकसान हुआ है. मांझी ने दोबारा वह विभाग देने की मांग की. इसके साथ ही मांझी ने महागठबंधन में कॉर्डिनेशन कमेटी बनने की मांग की है.
जीतन राम मांझी के इस बयान के बाद से बिहार में सियासत गर्मा सकती है, क्योंकि जीतन की पार्टी महागठबंधन का हिस्सा है और अगले साल लोकसभा चुनाव है. बिहार एक बड़ा राज्य है ऐसे में जीतन राम मांझी का अलग हो जाना सीएम नीतीश कुमार के लिए बड़ा झटका हो सकता है.