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‘The Kerala Story’ पर क्यों मचा है बवाल? शशि थरूर ने बोले- ये हमारे केरल की कहानी नहीं

Shashi Tharoor: शशि थरूर ने ट्विटर पर पोस्ट शेयर करते हुए फिल्म की आलोचना की है. उन्होंने लिखा- ”यह ‘आपकी’ केरल स्टोरी हो सकती है. यह ‘हमारी’ केरल स्टोरी नहीं है.”

Sashi Tharur

शशि थरूर (फोटो फाइल)

The Kerala Story: फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को लेकर घमासान मचा हुआ है. इसमें केरल की हजारों महिलाओं के गायब होने के बारे में बताया गया है. जिसको लेकर सोशल वीडिया पर काफी बवाल मचा हुआ है. वहीं इस मामले में कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor ) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट शेयर करते हुए फिल्म की आलोचना की है. थरूर ने लिखा- ”यह ‘आपकी’ केरल स्टोरी हो सकती है. यह ‘हमारी’ केरल स्टोरी नहीं है.”

बता दें कि फिल्म पांच मई को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है. इस फिल्म को सुदीप्तो सेन ने लिखा है. केरल स्टोरी’ का ट्रेलर काफी पसंद किया जा रहा है इसमें अदा शर्मा की दमदार एक्टिंग दिखी है फिल्म में वे शालि‍नी उन्नीकृष्णन के रोल में दिखेंगी. फिल्म में हिंदू परिवार से ताल्लुक रखने वाली शालिनी के फातिमा बन जाने को लेकर ये कहानी है. इसके अलावा ये कहानी बस शालि‍नी की ही नहीं, बल्कि उसकी जैसी 32 हजार महिलाओं की है.

फिल्म को लेकर क्यों हो रहा है बवाल ?

फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ 32 हजार महिलाओं के लापता होने के पीछे की घटनाओं पर आधारित है. इसमें दावा किया गया है कि लापता महिलाओं का धर्मांतरण किया गया, उन्हें कट्टरपंथी बनाया गया, साथ ही भारत और दुनिया में आतंकी गतिविधियों में उन्हें लगाया गया. इसी को लेकर बवाल छिड़ा हुआ है. कई लोग इसको सच पर आधिरित फिल्म बता रहे हैं तो कुछ इसको गलत बता रहे हैं. सोशल मीडिया पर इसको लेकर यूजर्स के अलग-अलग रिएक्शन सामने आ रहे हैं.

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‘लव जिहाद’ का मुद्दा उठाकर धर्म पर नफरत फैलाने की कोशिश

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने ‘द केरल स्टोरी’ के निर्माताओं पर निशाना साधते हुए रविवार (30 अप्रैल) को कहा कि “वे फिल्म के जरिये ‘लव जिहाद’ का मुद्दा उठाकर राज्य को धार्मिक अतिवाद के केंद्र के रूप में पेश करने संबंधी संघ परिवार के एजेंडे का प्रचार कर रहे हैं. विजयन ने कहा कि ‘लव जिहाद’ जैसे विषय को अदालतें, जांच एजेंसियां और यहां तक कि केंद्रीय गृह मंत्रालय भी खारिज कर चुका है.” उन्होंने आगे कि “हिंदी फिल्म का ‘ट्रेलर’ पहली नजर में ऐसा मालूम होता है कि मानो इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पैदा करने और राज्य के खिलाफ नफरत फैलाने के कथित उद्देश्य से ‘जानबूझकर निर्मित’ किया गया है”.

– भारत एक्सप्रेस



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