सरकार ने बुलाया संसद का विशेष सत्र
Monsoon Session 2023: मानसून सत्र का 10वां दिन यानी की सोमवार काफी हंगामेदार रह सकता है, क्योंकि केंद्र सरकार आज राजधानी दिल्ली के अधिकारों और सेवाओं से जुड़ा विधेयक राज्यसभा में पेश कर सकती है. गृह मंंत्री अमित शाह (Amit Shah) लोकसभा में दिल्ली अध्यादेश से जुड़े विधायक को संसद में पेश कर सकते हैं. जानकारी के मुताबिक, सभी लोकसभा सांसदों को बिल सर्कुलेट कर दिया गया है. ऐसे में आज विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ के सांसदों की परीक्षा होने वाली है. वैसे अगर देखा जाए तो लोकसभा में तो केंद्र सरकार इस विधेयक को आसानी से पास कर लेगी, लेकिन राज्यसभा में इसे लेकर थोड़ी परेशानी हो सकती है.
बता दें कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने विपक्षी दलों से इस बिल को राज्यसभा में पास नहीं होने के लिए समर्थन मांगा है. ऐसे में देखना होगा कि क्या विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ के सांसद इसे राज्यसभा में पास होने से रोक पाते हैं या नहीं.
संसद में जमकर हंगामे के आसार
संसद के दोनों सदनों में आज जमकर हंगामे के आसार हैं, क्योंकि एक तरफ दिल्ली अध्यादेश को संसद में पेश किया जा सकता है तो वहीं दूसरी तरफ मणिपुर की घटना को लेकर विपक्ष लगातार पीएम मोदी के सदन में जवाब देने की मांग कर रहा है. ऐसे में एनडीए और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सांसदों के बीच जमकर हंगामा होना के आसार हैं. वहीं न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, संसद की आज की कार्यवाही को लेकर रणनीति के बारे में चर्चा करने के लिए विपक्षी गठबंधन INDIA के नेता सुबह साढ़े 9 बजे विपक्ष के नेता यानी मल्लिकार्जुन खड़गे के चेंबर में एक बैठक करेंगे. इस बैठक में हिंसा प्रभावित मणिपुर का दो दिवसीय दौरा करके आ चुके विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे नेता अपने गठबंधन साथियों को यात्रा की जानकारी देंगे.
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क्या है पूरा मामला ?
बता दें कि 11 मई के शीर्ष अदालत के फैसले से पहले दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग उपराज्यपाल के कार्यकारी नियंत्रण में थे. केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने अध्यादेश के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि केंद्र ने दिल्ली के लोगों को “धोखा” दिया है. कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दल भी अध्यादेश के विरोध में उतर आए हैं. केजरीवाल ने पार्टी शासित पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ अधिकांश गैर-एनडीए शासित राज्यों का दौरा किया और विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर कानून के खिलाफ उनका समर्थन मांगा था.
– भारत एक्सप्रेस