उमा भारती (फोटो-फाइल)
Madhya Pradesh news: मध्य प्रदेश में चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर बीजेपी जन आशीर्वाद यात्रा निकालने जा रही है. इस यात्रा का लक्ष्य जनता के बीच में सरकार की उपलब्धियों को गिनाना है. मगर इस यात्रा से बीजेपी ने प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है. पार्टी ने उनको न्योता तक नहीं भेजा है. इस बात से उन्हें काफी दिक्कत हुई है और उनका दर्द भी साफ छलका है. पूर्व सीएम ने अब यह आशंका जतायी है कि अगर फिर से प्रदेश में बीजेपी की सरकार बन जाती है तो उन्हें पता नहीं फिर से कोई सरकार में उन्हें पूछेगा या नहीं.
यात्रा का न्योता नहीं मिलने पर उमा भारती ने पत्रकारों से बात करते हुए यहां तक कह दिया कि, “हो सकता है कि वे (बीजेपी नेता) घबरा गए हों कि अगर मैं वहां रहूंगी तो पूरी जनता का ध्यान मेरे पर ही होगा.”
‘मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता’
लालकृष्ण आडवाणी के समय की कद्दावर नेता उमा भारती ने दो टूक कहा कि, “अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन्हें (2020 में) सरकार बनाने में मदद की तो मैंने भी उन्हें (2003 में) बड़ी बहुमत वाली सरकार बनाने में मदद की थी.” उन्होंने आगे कि मुझे इस बात से फर्क नहीं कि मुझे नहीं बुलाया, लेकिन मैं आमंत्रित के लिए योग्य थी. भलें में वहां नहीं जाती, लेकिन उन्हें औपचारिकता तो पूरी करना चाहिए थी.” हालांकि इसके बाद भी उन्होंने कहा कि फिर भी मैं आगामी चुनाव में भाजपा के लिए प्रचार करूंगी और वोट मांगूंगी.”
‘बीजेपी अपनों से बड़ों का सम्मान नहीं करती’
उमा भारती की इस टिप्पणी पर अभी तक बीजेपी ने कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन प्रदेश में इसको लेकर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि सुर्खियों में लाने वाले राम मंदिर आंदोलन के अग्रणी नेताओं में से एक उमा भारती को दरकिनार किया जा रहा है. इस मुद्दे पर बात करते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “पार्टी ने पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी को किनारे कर दिया. हमारी संस्कृति में भगवान भी उस व्यक्ति को माफ नहीं करता है जो बड़ों का सम्मान नहीं करता है.”
– भारत एक्सप्रेस
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