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कलयुगी बेटों का अत्याचार “…नहीं तो कर लेंगे आत्महत्या”, बूढ़े मां-बाप ने जिला कलेक्टर से मांगी इच्छामृत्यु

Kota: बुजुर्ग मां बाप ने जिला कलेक्टर को अपनी आपबीती बताते हुए इच्छा मृत्यु मांगी है. उन्होंने अपने बेटे और बहू के अत्याचारों के बारे में बताते हुए कहा कि पुत्रवधू द्वारा लगातार मारपीट करने, घर से बेदखल करने और भूखे रहने को मजबूर कर दिया है.

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कलयुगी बेटों ने मां बाप को घर से निकाला बाहर

Kota news: इस कलयुग के जमाने में बेटे कितने निर्दयी हो सकते हैं इसकी झलक राजस्थान के कोटा में देखने को मिली है. यहां उनके बेटों ने अपने ही बूढ़े मां-बाप पर इतना अत्याचार कर दिया है कि वे अब मौत को गले लगाने को भी तैयार हैं. बुजुर्ग मां और बाप को पहले बेटों ने संपत्ति से बेदखल कर दिया और फिर उन्हें घर से बाहर निकाल दिया. अब मां-बाप के पास रहने के लिए कोई जगह नहीं है. उन दोनों ने अपने बेटों और बहु के अत्याचार से परेशान होकर जिला कलेक्टर को लिखित में शिकायत देकर इच्छा मृत्यु की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने न्याय की मांग की है.

बता दें कि बूढ़े बाप का नाम सीताराम है और उनकी उम्र 78 साल है. वहीं मां का नाम पाना बाई है और उनकी उम्र 71 साल है. मां ने अपने दोनों बेटों राजेन्द्र कुमार एवं दिनेश कुमार पर अपने पिता सीताराम को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.

‘नहीं तो कर लेंगे आत्महत्या’

बुजुर्ग मां बाप ने जिला कलेक्टर को अपनी आपबीती बताते हुए इच्छा मृत्यु मांगी है. उन्होंने अपने बेटे और बहू के अत्याचारों के बारे में बताते हुए कहा कि पुत्रवधू द्वारा लगातार मारपीट करने, घर से बेदखल करने और भूखे रहने को मजबूर कर दिया है. उन्होंने कहा कि हमें इच्छा मृत्यु देने और दोनों बेटों के खिलाफ पुलिस प्रशासन से कठोर कार्रवाई की मांग है. बुजुर्ग मां-बाप का कहना है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह खुद आत्महत्या कर लेंगे.

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‘बंधक बना कर रख दिया है’

सीताराम ने मीडिया को बताया है कि वह मौजूदा समय में वार्ड नं. 11 टोडी पाडा कस्बा सांगोद में रह रहे हैं और वह काफी वरिष्ठ हैं. उनकी कुल चार संतान है. उन्होंने बताया कि बेटों ने चल-अचल संपत्ति का बंटवारा बिना हमारी मर्जी से कर लिया है और चारों अपने अपने हिस्सों पर काबिज हो गए हैं. उन्होंने पुश्तेनी मकान सांगोद में टोडी पाड़ा में स्थित मकान में सिर्फ एक छोटासा कमरा दे रखा है. उन्होंने बताया कि वह पूर्व सरपंच भी रह चुके हैं. लेकिन वृद्धावस्था व अस्वस्थ होने के चलते अब मुकाबला नहीं कर सकते.

सीताराम ने मीडिया से कहा कि उसके पुत्रों द्वारा कई बार उन्हें बंधक बना लिया जाता है और आस पड़ोस में किसी भी व्यक्ति से बातचीत भी नहीं करने दिया जाता है. हम मौजूदा समय में अपने कमरे में कैद होकर रह गए हैं.

– भारत एक्सप्रेस

 

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