हिमंत बिस्वा सरमा
Political News: रामनगरी अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाली रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा पर देश-दुनिया के रामभक्तों की निगाहें जमी हुई हैं. इस बीच सत्तापक्ष और विपक्ष के नेता एक-दूजे पर राजनीति करने के आरोप लगा रहे हैं. अभी भाजपा नेता एवं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस पर हमला बोला.
कांग्रेस नेताओं द्वारा हाल में ही राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से भेजा गया प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए भेजा गया निमंत्रण अस्वीकार कर दिया गया. जिसके बाद से ही कांग्रेसी नेता भाजपाइयों के निशाने पर हैं. आज हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस के नेताओं को बाबर का करीबी बता डाला. हिमंत बिस्वा सरमा बोले— “कांग्रेसियों को बाबर के पास जाने में अच्छा लगता है लेकिन राम के पास आने में अच्छा नहीं लगता है…वे पापी थे पापी ही रहेंगे.”
इस्लामिक आक्रांता बाबर को कांग्रेसियों के लिए प्यारा बताते हुए हिमंत बिस्वा सरमा भुवनेश्वर में बोले— “कांग्रेस ने जीवनभर पाप किया…हमारा राम मंदिर न बने इसके लिए उन्होंने कई षडयंत्र किए…उनके लिए बाबर ज़्यादा प्यारा है. सोनिया राम की विरोधी हैं..इसलिए कांग्रेसी अयोध्या भगवान राम के मंदिर के समारोह में नहीं आना चाहते.”
#WATCH भुवनेश्वर: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "कांग्रेस ने जीवनभर पाप किया, राम मंदिर न बने इसके लिए उन्होंने कई षडयंत्र किए… उनके लिए बाबर ज़्यादा प्यारा है, कांग्रेस को बाबर के पास जाने में अच्छा लगता है लेकिन राम के पास आने में अच्छा नहीं लगता है… वे पापी… pic.twitter.com/2jmc5m7Fjm
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 13, 2024
निमंत्रण पत्र अस्वीकारने का यह है कांग्रेस नेतृत्व का बयान
कांग्रेस पार्टी के बयान में कहा गया, “पिछले महीने कांग्रेस प्रेसिडेंट और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस पार्लियामेंट्री पार्टी की चेयरपर्सन सोनिया गांधी और लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के लीडर अधीर रंजन चौधरी को राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिला था. भगवान राम हमारे देश के करोड़ों लोगों के पूजनीय हैं. धर्म एक निजी मामला है, लेकिन भाजपा/RSS ने अयोध्या के मंदिर को एक पॉलिटिकल प्रोजेक्ट बना दिया है. भाजपा और आरएसएस के नेताओं की तरफ से अधूरे मंदिर का उद्घाटन जाहिर तौर पर चुनाव में फायदा पाने के लिए किया जा रहा है. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले का पालन करते हुए और उन करोड़ों लोगों की आस्था का सम्मान करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने भाजपा/RSS के इस इवेंट का निमंत्रण ससम्मान ठुकरा दिया है.”