राहुल गांधी
Rahul Gandhi Kendrapara Election Rally: लोकसभा चुनाव को लेकर जहां भाजपा की ओर से पीएम मोदी लगातार चुनावी रैली कर रहे हैं तो वहीं कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी मोर्चा सम्भाले हुए हैं. रविवार को राहुल गांधी ओडिशा में थे और उन्होंने केंद्रपाड़ा में रैली को सम्बोधित करते हुए ओडिशा में BJP-BJD के गठबंधन पर जमकर निशाना साधा था और भ्रष्टाचार के तमाम आरोप लगाए थे तो वहीं राहुल गांधी के अभी केंद्रपाड़ा जाने पर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं और कई राजनीतिक जानकार इसको लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. इसी तरह की एक एनालिसिस सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें राजनीतिक विश्लेषक ने सवाल खड़े करते हुए यहां तक कह दिया है कि “यह बहुत ही ख़राब निर्णय है. क्या कोई व्यक्ति जो यह नहीं जानता कि लंबे आम चुनाव में कब और कहाँ प्रचार करना है, देश चला सकता है?”
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर राजनीतिक जानकार Shrin (@ShrrinG) ने अपने अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा है कि “जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब चिलचिलाती गर्मी में एक दिन में 4 रैलियां और रोड शो कर रहे हैं तो वहीं राहुल गांधी एक दिन में अधिकतम 2 रैलियां संबोधित करते हैं और वह भी हर दिन नहीं.” इसके आगे उन्होंने कहा है कि यदि कोई कम रैलियों को संबोधित कर रहा है, तो आप सोचेंगे कि रैली स्थानों का चुनाव इस प्रकार होगा कि अपनी पार्टी को अधिकतम लाभ मिल सके. इसके बाद उन्होंने राहुल गांधी के केंद्रपाड़ा जाने को लेकर लिखा है, ’28 अप्रैल को राहुल केंद्रपाड़ा चले गये. अब यह अजीब है.’ इसके बाद उन्होंने कुछ बिंदुओं के माध्यम से अपना एनालिसिस शेयर किया है.
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17 आम चुनावों में सिर्फ एक बार केंद्रपाड़ा में जीती बीजेपी
उन्होंने अपने एनालिसिस में कहा है कि कांग्रेस ने 17 आम चुनावों में ठीक 1 बार केंद्रपाड़ा सीट जीती है. यह एक जीत 1952 में मिली थी. इस सीट का प्रतिनिधित्व बीजू पटनायक ने तीन बार किया था इसलिए यह बीजद का गढ़ रहा है. 2009 और 2014 (बैजयंत पांडा) और 2019 (अनुभव मोहंती) जीतने वाले बीजद उम्मीदवार दोनों अब भाजपा में हैं. उन्होंने इसी पोस्ट में आगे कहा है कि बैजयंत पांडा बीजेपी के लिए चुनाव लड़ रहे हैं और मजबूत स्थिति में हैं. ओडिशा राज्य में चुनाव का चौथा चरण यानी 13 मई से पहले शुरू नहीं होगा. केंद्रपाड़ा में सातवें और आखिरी चरण यानी 1 जून को मतदान होगा.
राहुल की रणनीति को लेकर चिंतित हूं
इसके बाद Shrin ने लिखा है कि ऐसा नहीं है कि मैं राहुल गांधी की इस चुनावी रणनीति को लेकर चिंतित हूं लेकिन क्या यह चौंकाने वाला नहीं है? यह बहुत ही ख़राब निर्णय है. क्या कोई व्यक्ति जो यह नहीं जानता कि लंबे आम चुनाव में कब और कहाँ प्रचार करना है, देश चला सकता है?
– भारत एक्सप्रेस
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