काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व में पीएम मोदी
Kaziranga National Park & Tiger Reserve : पूर्वोत्तर भारत में कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जिन्हें यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा दे रखा है. इनमें असम का काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व भी शामिल है. हाल में पीएम मोदी के दौरे ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान को टूरिज्म हॉटस्पॉट में बदल दिया. अब यह इंटरनेशनल इको-टूरिज्म साइट के तौर पर जाना जाएगा.
PM मोदी अपनी असम और अरुणाचल की यात्रा के दौरान यहां गए, उन्होंने यहां जंगल सफारी का लुत्फ लिया. वे हाथी पर भी सवार हुए और उन्होंने गैंडे समेत कई जंगली जानवरों को विचरते देखा. उन्होंने सैकड़ों किलोमीटर के दायरे में फैले काजीरंगा नेशनल पार्क में खूब फोटोग्राफी भी की. टूरिज्म एक्सपर्ट्स का कहना है कि काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व प्रकृति की सुंदरता से भरपूर है. पीएम मोदी के दौरे से इसे अंतरराष्ट्रीय इको-पर्यटन स्थल का दर्जा मिल जाएगा.
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi visited Kaziranga National Park in Assam today. The PM also took an elephant safari here. pic.twitter.com/Kck92SKIhp
— ANI (@ANI) March 9, 2024
भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में असम राज्य में स्थित, राष्ट्रीय उद्यान एक प्राचीन प्राकृतिक स्थल है जो विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और जीवों का घर है. टूरिज्म एक्सपर्ट्स को लगता है, कि यह राष्ट्रीय उद्यान आने वाले दिनों में और अधिक पर्यटकों को आकर्षित करेगा.
430 वर्ग किलोमीटर के व्यापक क्षेत्र में फैला काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व ब्रह्मपुत्र घाटी क्षेत्र का सबसे बड़ा अबाधित और प्रतिनिधि क्षेत्र है. दिलचस्प बात यह है कि पीएम मोदी ने राष्ट्रीय उद्यान की विजिट के दौरान हाथी की सफारी की.
पीएम मोदी ने नेशनल पार्क के सेंट्रल कोहोरा रेंज में स्थित मिहिमुख क्षेत्र में एक जीप सफारी भी की. प्रधानमंत्री द्वारा ये सफ़ारियाँ आयोजित करने से न केवल यह राष्ट्रीय उद्यान और अधिक लोकप्रिय हो जाएगा, बल्कि इसके परिणामस्वरूप वन्यजीव पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान दुनिया में एक सींग वाले गैंडों की सबसे बड़ी आबादी के अलावा स्तनधारियों और पंखों वाले अजूबों की समृद्ध विविधता के लिए जाना जाता है. यह वैश्विक राष्ट्रीय उद्यानों में एक अद्वितीय रत्न है. असम के गोलाघाट और नागांव क्षेत्रों में स्थित, इसकी सीमा उत्तर में ब्रह्मपुत्र नदी और दक्षिण में कार्बी आंगलोंग पहाड़ों से लगती है. हरे-भरे चाय के बागानों से घिरा, राष्ट्रीय उद्यान प्राकृतिक परिदृश्य का मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करता है.
राष्ट्रीय उद्यान 37 राजमार्गों से घिरा हुआ है, जो पहुंच को बढ़ाता है, और आगंतुकों को एक गहन अनुभव प्रदान करता है. 1974 में राष्ट्रीय उद्यान के रूप में नामित, काजीरंगा आज भी अपनी अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता से प्रकृति प्रेमियों को मंत्रमुग्ध करता है.
यह राष्ट्रीय उद्यान उत्तर पूर्व भारत का गौरव है. हाल के आंकड़ों से यहां के पर्यटन में हुई वृद्धि का पता चलता है. पिछले साल 15 अक्टूबर से इस नेशनल पार्क ने 1.80 लाख से अधिक पर्यटकों का स्वागत किया. अगले दो वर्षों में पर्यटकों की संख्या तीन गुना होने की उम्मीद है.
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— भारत एक्सप्रेस
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