संजय सिंह (फोटो फाइल)
WFI Row: भारतीय कुश्ती संघ को लेकर लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है. पहलवानों के विरोध के बाद पूरी फेडरेशन और अध्यक्ष संजय को निलंबित कर दिया गया था. लेकिन संजय सिंह अभी अपनी जिद पर अड़े हुए हैं. इस बीच भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने बुधवार को फेडरेशन को चलाने के लिए 3 सदस्यों की एड-हॉक समिति गठित कर दी है. लेकिन संजय सिंह ने इसको स्वीकार नहीं किया है. उनका कहना कि मेरी अनुमित के बिना के बिना समिति कोई निर्णय नहीं ले सकती है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि वह इस मामले में सरकार के पास जाएंगे और जरुरत पड़ी तो कानूनी राय भी ले सकते हैं.
बता दें कि आईओए ने 27 दिसंबर को 3 सदस्यों की एड हॉक समिति बनाने का फैसला लिया है. इस समिति के चेयरमैन भूपेन्द्र सिंह बाजवा होने वाले हैं. वह एशियन गेम्स 2022 में भारतीय टीम के शेफ डी मिशन रहे चुके हैं.
‘बजरंग पूनिया राजनीति कर रहे हैं’
डब्ल्यूएफआई के निलंबित अध्यक्ष संजय सिंह ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि- मैं इस एड-हॉक समिति को स्वीकार नहीं करता क्योंकि डब्ल्यूएफआई एक स्वायत्त निकाय है. वे मेरी अनुमति के बिना कोई भी ऐसा निर्णय नहीं ले सकते. मैं इसके खिलाफ सरकार से बात करूंगा और अगर मुद्दा तब भी हल नहीं हुआ, तो मैं फैसला लूंगा और कानूनी राय ली जाएगी. इसके बाद अदालत जाएंगे. मैंने लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव जीता, मुझे कोई नॉमिनेट नहीं किया गया था. इसके अलावा आगे कहा- आपने देखा होगा कि बजरंग पूनिया 10-0 से हार गए क्योंकि वे कुश्ती छोड़कर राजनीति की ओर जा रहे हैं. वे नहीं चाहते कि जूनियर पहलवान कोई प्रगति करें क्योंकि उनका काम हो गया है और अब राजनीति करना चाहते हैं। वे किसी न किसी पार्टी से मिल रहे हैं। कुश्ती को किनारे रखकर वे राजनीति से जुड़ी हर चीज कर रहे हैं.”
#WATCH | Varanasi, UP: Suspended WFI President Sanjay Singh says, “You must have seen that Bajrang Poonia lost with 10-0 since they are going towards politics, leaving wrestling…They don’t want the junior wrestlers to make any progress since they are done and want to do… pic.twitter.com/LHnyMXMMLy
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 28, 2023
बता दें कि किसी खास मुद्दे को सुलझाने के लिए अस्थायी कमेटी बनाई जाती है. आम तौर पर कार्यकारी नेतृत्व ही एडहॉक कमेटी बनाता है. लैटिन भाषा में, एडहॉक का मतलब होता है, ‘इसके लिए’. जबकि इंग्लिश में इसका मतलब ‘केवल इस मकसद के लिए’ होता है.