दरअसल, सुंदर कांड में इस प्रसंग का सुंदर वर्णन है. जब लंका चढ़ाई के समय श्रीराम ने विनयपूर्वक समुद्र से मार्ग देने की गुहार की. लेकिन समुद्र का उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, तब भगवान राम समझ जाते हैं कि अब अपनी शक्ति से उसमें भय उत्पन्न करना आवश्यक है.