Bharat Express Conclave में GeeKen के मैनेजिंग डायरेक्टर केदारनाथ पांडे. यहां उन्हें राममंदिर का मूर्तरूप भेंट किया गया.
GeeKen MD Kedarnath Pandey: भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क द्वारा आयोजित ‘बात श्रीराम की’ कॉन्क्लेव में विशिष्ट अतिथि GeeKen के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) केदारनाथ पांडे ने अयोध्या में राम नाम की महिमा का महत्व बताया. मंच पर ही उन्होंने महर्षि वाल्मीकि का प्रसंग सुनाया. बोले— अयोध्या के बाद अब काशी-मथुरा की बारी है.
यह पूछे जाने पर कि आपके लिए भगवान राम क्या हैं? केदारनाथ पांडे बोले— “राम के नाम का महत्व इतना बड़ा है आपने सुना होगा कि पौराणिक काल में महर्षि वाल्मीकि रत्नाकर डाकू के तौर पर जाने जाते थे. वो काफी मार-काट करते थे. तो ब्रह्माजी ने अपने पुत्र नारद मुनि को उनके पास भेजा..ताकि रत्नाकर को ज्ञान हो सके और वो पाप न करे. वे साधुवेश में रत्नाकर के पास पहुंचे. तब रत्नाकर बोला कि दंड कमंडल यहीं रख दो. जो तुम्हारे पास है, वो सब मुझे दे दो.”
“साधुजन बोले कि तुम बहुत बड़ा पाप कर रहे हो. इसका भुगतान आपको करना पड़ेगा. अंत में इसका फल तुमको भुगतना पड़ेगा. रत्नाकर नहीं माना. फिर साधु बोले— अच्छा आप हमको यहीं पेड़ से बांध दो. और अपने घर पर जाकर पता करो कि क्या आप यह जो कृत्य कर रहे हो इसका फल जो भुगतना पड़ेगा, उसे कौन भुगतेगा?”
“रत्नाकर अपने घर गया और परिजनों को बोला कि मैं जो लूट—पाट करके धन इत्यादि लाता हूं..इसका पाप लगेगा वो सबको लगेगा या नहीं? परिजन बोले कि पाप तो आपको लगेगा. हमें नहीं लगेगा. इस तरह रत्नाकर को पछतावा हुआ. वो वापस साधुजनों के पास आया.”
“रत्नाकर उनके पैरों में गिर पड़ा. उसने कहा कि अभी तक मैंने जो किया..उसका उद्धार कैसे होगा? साधु बोले— आप राम नाम का जाप करो. उसने कहा कि राम नाम तो जपना आता नहीं है. वो बोलता-मरा..मरा.. तब साधु बोले कि ठीक है तो आप मरा..मरा.. ही बोलिए. उसी समय से उसने राम नाम जपा. उसे सही-गलत का ज्ञान हुआ. वह महर्षि वाल्मीकि बन गया…ब्रह्म के समान हो गया.”
भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के सीएमडी उपेंद्र राय की तरफ से केदारनाथ पांडे को अवार्ड से सम्मानित किया गया.
- केदारनाथ पांडे को राम मंदिर का मूर्तिरूप भेंट किया गया.
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