78 वें कान फिल्म फेस्टिवल की झलकियां देखने लायक हैं. इसमें दिखाया गया कि 1937 के स्टालिन युग में युवा प्रोसेक्यूटर अलेक्जेंडर कोर्निएव एक खून से लिखे पत्र से शुरू हुई यात्रा में एनकेवीडी के अत्याचारों का पर्दाफाश करता है, पर खुद जेल में बंद हो जाता है.