महिलाओं के खिलाफ घिनौने कृत्य अनंत काल से होते आ रहे हैं और ये आज भी जारी हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि आज समाज ने ऐसे अपराधों को अत्यधिक सामान्य मान लिया है. ऐसे अन्यायों के लिए तालिबान जैसे समूहों को दोष देना सही है, लेकिन हम भी इसके लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं.